nadiyon ke Labh nibandh in Hindi
Answers
Answer:
नदियों से होने वाले लाभ :
आदिकाल से ही नदियाँ जीवन दायिनी रही है । नदियाँ , प्रकृति का अभिन्न अंग है। नदियाँ , अपने साथ वर्षा का जल एकत्र कर उसे पूरे भू-भाग मे पहुंचाने का कार्य करती है। गंगा, अमेज़न, नील , थेंस आदि विश्व की प्रमुख नदियां है।
नदियों के कई सामाजिक व आर्थिक लाभ है । नदियों से जीवन के लिए अति आवश्यक स्वच्छ जल प्राप्त होता है यही कारण है कि अधिकांश प्राचीन सभ्यताएं , नदियों के आसपास ही विकसित हुईं। उदाहरण के लिए सिंधु घाटी सभ्यता , सिंधु नदी के पास स्थित होने के प्रमाण मिले है । लंदन सम्पूर्ण विश्व के बहुत बड़े भाग मे , पीने का पानी और घरेलू उपयोग के लिए पानी , नदियो के द्वारा ही प्राप्त होता है। आर्थिक दृष्टि से देखे तो नदियाँ बहुत उपयोगी होती है क्योंकि उद्योगो के लिए आवश्यक जल नदियों से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है । कृषि के लिए , सिंचाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसके लिए आवश्यक जल नदियों द्वारा प्रदान किया जाता है । नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का अच्छा स्त्रोत हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है अपितु घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है। आजकल नदियाँ का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है। सैलानिओ के लिए नदियों कई मनोरंजन के साधन जैसे बोटिंग , रिवर रैफ्टिंग आदि उपलब्ध करती है जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है। नदियो से मछली के रूप मे खाद्य पदार्थ प्राप्त होते है। नदियों पर बांध बनाकर उनसे बिजली प्राप्त होती है ।
नदियां हमारी मित्र है और हमे उनसे अनेक लाभ होते है । हमारा कर्तव्य है कि उनका अति दोहन एवं उन्हे प्रदूषित न करें।
Answer:देश कोई भी हो परन्तु किसी भी सभ्यता के पनपने के लिए नदियों का होना आवश्यक है। एक नदी मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नदियों के कारण मनुष्य को उपजाऊ भूमि प्राप्त होती है, जिससे मनुष्य जाति फलती-फूलती है। मनुष्य के दैनिक जीवन में पानी का महत्वपूर्ण स्थान है। उसे पीने से लेकर, नहाने तक में पानी की आवश्कता होती है। पानी के कारण ही वह जीवित है। यह मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तु, पेड़-पौधों के लिए भी आवश्यक तत्व है। इसकी आपूर्ति नदियों से ही होती है। भारत में तो नदियों के इसी गुण के कारण उसे माता की संज्ञा दी गई है। माता जिस तरह से बच्चे का लालन-पालन करती है, नदी भी वैसे ही मनुष्य का लालन-पालन करती है। मनुष्य के मुंडन से लेकर उसकी मृत्यु तक नदी कहीं न कहीं माँ के समान उसके साथ रहती है। आज नदियों में जल कम हो रहा है, जिसके कारण लोगों को जल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके कारण सभी स्थानों पर हाहाकार मचा हुआ है। इन जीवनदायी स्रोतों को मनुष्य ने अपने स्वार्थ से सोख लिया है।
Explanation: