'नए इलाके' कविता के माध्यम से नगरीय बोध को स्पष्ट कीजिए?
Answers
Answered by
1
व्याख्या – कवि कहता है कि शहर में नये मुहल्ले रोज ही बसते हैं। ऐसी जगहों पर रोज नये-नये मकान बनते हैं। रोज-रोज नये बनते मकानों के कारण कोई भी व्यक्ति ऐसे इलाके में रास्ता भूल सकता है। कवि को भी यही परेशानी होती है।
Hope it help
Mark me as brainlist ❣️
Similar questions