(७)
२०णत
7. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
कोई लहर न रोक सकेगी
तूफ़ानों को तौल चुके हम -
हम मंज़िल के दीवाने हैं।
सब जाने-पहचाने हैं।
संकल्पों के हम हैं सागर
भाग्य हमारी मुट्ठी में है
साहस के ध्रुवतारे हैं।
स्वयं विधाता हम जग के।
कभी न बाधाओं के आगे
फिर क्यों किसी आँख में आँसू
पाँव हमारे हारे हैं।
बरबस आ-आकर, छलके।
(क) प्रथम पंक्ति में 'लहर' का क्या अर्थ है?
O
(ख) मंजिल के दीवाने किसके सागर और किसके ध्रुवतारे हैं?
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ka) pratham pankti me leher ka arth hai samudra ki tarange
Kha) mangil k deewane sankalpo k sagar or sahas k dhruv taare hai
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