नफरत की बारूद न फैला कर हमें क्या करना चाहिए?
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आमतौर पर कोई संप्रदाय या संगठन अपने संस्थापक की विचारधारा को ही आगे ले जाता है और संस्थापक के बाद वाली पीढ़ी के लिए संस्थापक से बेहतर कर पाना तो दूर उसकी तरह प्रभावशाली होना भी असंभव होता है. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कोई आम संगठन है भी तो नहीं. और उपरोक्त मामले में भी वह दूसरे संगठनों से अलग है. संघ की स्थापना 1925 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने की लेकिन इस पर उनके उत्तराधिकारी माधव सदाशिव गोलवलकर की छाप ज्यादा है. संघ के भीतर हेडगेवार को डॉक्टर जी और गोलवलकर को गुरुजी पुकारा जाता है.
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