नफरत करना नहीं किसी से, प्यार सभी से करना जी,
तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी ।
हिम्मत करनेवालों को, मिलती मदद सब लोगों की,
सत्कर्मों की तूलिका से, जीवन में रंग भरना जी । हार-जीत का खेल है जीवन, खेल समझकर खेलो,
जो भी मिलता, हाथ बढ़ाकर, खुशी-खुशी तुम ले लो ।
जब तक जियो, हँसकर जियो इक दिन सबको जाना जी,
तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी । धूप-छाँव जीवन का हिस्सा, कभी उजाला, कभी अँधेरा,
रात हो चाहे जितनी लंबी, उसका भी है अंत सवेरा ।
समय एक-सा कभी न रहता, थोड़ा धीरज धरना जी,
तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी ।
देह-अभिमान के कारण, देखो कितनी महामारी है,
सबको सच्ची राह दिखाना, अपनी जिम्मेदारी है ।
आत्मज्ञान के दीप जलाकर, दूर अँधेरा करना जी,
तूफाँ तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी ।
make question on this
Answers
Answered by
0
Answer:
कविता में किससे न डरने के लिए कहा गया है?
Answered by
0
Explanation:
१) हिंमत करनेवालों को किसकी मदद मिलगी है ?
२) अपनी जिममेदारी क्या है ?
३) क्या एक- सा कभी न रहता ?
Similar questions