नफरत से नफरत बढ़ती है और स्नेह से स्नेह बढ़ता है, इस तथ्य से संबंधित अपने विचार लिखो
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Explanation:
हम जो बोते है वाही पते है । नफरत एक ऐसी बाला है जो आदमी के अंदर की इंसानियत को खा जाती है । नफरत से भरा हुआ आदमी पशु समान बर्ताव करता है , वह हैवानियत पर उत्तर आते है । वे एक दूसरे के खिलाफ ही होते है । आदमी यदि प्यार से एक दूसरे के साथ प्रश आऐ , तो उनमे विचारो का आदान प्रदान होगा । जिससे उनके जरिए शुभ कार्यों की नीव रांची जा सकती है । समाज परिवर्तन होगा । स्नेह से आमिर - गरीब , शिक्षित -अशिक्षित आदि समस्याओं की दूरियाँ ख़त्म हो जायेगी । मनुष्य में प्यार की उमंग होगी । नफरत से दूरियाँ पैदा हो गई है वहाँ प्यार से नजदीकियाँ हो जाएग
Answer:
नफरत से नफरत बढ़ती है और स्नेह से स्नेह बढ़ता है इस कथन पर हमारे विचार इस प्रकार हैं | यदि हम किसी से नफरत करते हैं और उस व्यक्ति को यह पता चल जाता है तो उसकी नजरों में भी हमारे लिए नफरत उत्पन्न हो जाती है। ... इस प्रकार यदि हम किसी से नफरत करते हैं तो नफरत ही बढ़ती है और यदि हम किसी से स्नेह करते हैं तो प्यार बढ़ता है।