Hindi, asked by khushii2854, 1 month ago

नगर निगम अधिकारी को कोरोना की गंभीरता एवं आपके क्षेत्र मे पीड़ितों की समस्या का वर्णन करते हुए आवश्यक समाधान के लिए अनुरोध करते हुए एक पत्र लिखें​

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Answered by 2578aakritijain1
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Answer:

मेरे प्रिय देशवासियों,

पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है।आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है।लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है।

जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था, तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे,जितने आज कोरोना से हैं।

पिछले दो महीने से हम निरंतर दुनिया भर से आ रहीं कोरोना वायरस से जुड़ी चिंताजनक खबरें देख रहे हैं,सुन रहे हैं।

इन दो महीनों में भारत के130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं।

लेकिन,बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं,सब कुछ ठीक है।

वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।

इसलिए,प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना,सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।

साथियों,आपसे मैंने जब भी,जो भी मांगा है,मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है।ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं।आज,मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे,कुछ मांगने आया हूं।मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए,आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।

साथियों,अभी तक विज्ञान,कोरोना महामारी से बचने के लिए,कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है।ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है।

दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है,वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है।

इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है।इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।

हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने तेजी से फैसले लेकर,अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा Isolate करके स्थिति को सँभाला है।भारत जैसे130 करोड़ की आबादी वाले देश के सामने, विकास के लिए प्रयत्नशील देश के सामने,कोरोना का ये बढ़ता संकट सामान्य बात नहीं है।

आज जबबड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं,

तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा,ये मानना गलत है।

इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है।

आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।

साथियों,इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”।

और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना,घर से बाहर निकलने से बचना।आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में,ये बहुत ज्यादा आवश्यक है।

हमारा संकल्प और संयम, इस वैश्विक महामारी के प्रभावों को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है

मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों,65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों,वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।

जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए,जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।

इस रविवार,यानि22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को,जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।

इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे, न मोहल्ले में कहीं जाएंगे।

सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे।

कोविड-19-Economic Response Task Forceके गठन का फैसला लिया है।

ये टास्क फोर्स सारे स्टेकहोल्डर्स से नियमित संपर्क में रहते हुए,फीडबैक लेते हुए,हर स्थिति का आकलन करते हुए निकट भविष्य में फैसले लेगी।

ये टास्क फोर्स,ये भी सुनिश्चित करेगी कि, आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं,उन पर प्रभावी रूप से अमल हो।

निश्चित तौर पर ये महामारी ने देश के मध्यम वर्ग,निम्न मध्यम वर्ग और गरीब के आर्थिक हितों को भी गहरी क्षति पहुंचा रही है।

संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत,उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आपजिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें।हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में, ये लोग दफ्तर न आ पाएं, आपके घर न आ पाएं।ऐसे में उनका वेतन न काटें, पूरी मानवीयता के साथ, संवेदनशीलता के साथ फैसला लें।हमेशा याद रखिएगा,उन्हें भी अपना परिवार चलाना है, अपने परिवार को बीमारी से बचाना है।

मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध,खाने-पीने का सामान, दवाइयां,जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।

इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि ज़रूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं।

आप सामान्य रूप से ही खरीदारी करें।

साथियों,पिछले दो महीनों में,130 करोड़ भारतीयों ने,देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है,भारत के लिए,समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है,उसने किया है।

मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का,अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे। nहां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है।कई बार एक नागरिक के तौर पर हमारी अपेक्षाएं भी नहीं पूरी हो पातीं।फिर भी, ये संकट इतना बड़ा है कि सारे देशवासियों को इन दिक्कतों के बीच,

दृढ़ संकल्प के साथ इन कठिनाइयों का मुकाबला करना ही होगा।

Answered by harelyquinn
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सेवा में

श्रीमान निगम युक्त

दिल्ली नगर निगम

दिल्ली

विषय -हमारे क्षेत्र में कोरोनावायरस इन लोगों की समस्याएं

महोदय

हमारे क्षेत्र में बहुत ही लोग कोरोना से पीड़ित हैं हमारे क्षेत्र में अभी अस्पताल में भी नहीं है हमें लोगों को दूर जाना पड़ता है साथ ही साथ अभी कोरोना का काल चल रहा है अभी बहुत लोग ही पीड़ित हैं और हमारे इलाके में अभी वैक्सीनेशन का काम नहीं चल रहा है इसीलिए हम आपसे निवेदन करते हैं कि हमारे क्षेत्र में करुणा के लिए अलग से अस्पताल ए बनवाई जाए मैं आपका बहुत बड़ा आभारी रहूंगा यह हम गांव वालों की तरफ से आपके लिए प्रार्थना है कि आप हमारी मदद जरूर करेंगे

धन्यवाद

निवेदक

क ख ग

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