नगर उद्यान में आयोजित स्वास्थ्य एवं पर्यावरण मेला पर लगभग 80-100 शब्दों में एक फीचर लिखिए।
Answers
✨क्या आप मोटापे से परेशान है??
क्या आप चलते वक़्त अथवा काम ✨करते वक़्त थकावट महसूस करते है??
✨क्या आपके जीवन में कोई रोमांचक बात नहीं रही ??
जाने अंजाने में आपके अजू बाजू का वातावरण और पर्यावरण भी बड़ा भाग निभाता है।
आपके हर एक समस्या के लिए एक ही उपाय::
☘नेचर ग्रीन स्वास्थ्य एवम् पर्यावरण मेला☘
यहां की विशेष आकर्षक कार्यक्रम:
१) योगा
२) पॉवर योगा
३) नेचर थेरेपी
४) पेडीक्योर थेरेपी
५) आर्ट ऑफ लिविंग
६) पर्यावरण के लिए कुछ योगदान
ऐसे विविध कार्यक्रम के साथ आपको मिलेगा प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस और उन विषयो के ऊपर जानकारी विस्तार में।
इस मेले में आने के लिए खाली आपको ₹५०/- का टिकट निकालना है, बाकी सभी कार्यक्रम निशुल्क है।
पता: नेचर ग्रीन मेला,जिजामाता ग्राउंड, वीर देसाई रोड, आनंदराव विद्यालय के सामने, अंधेरी पूर्व
नगर उद्यान में आयोजित स्वास्थ्य एवं पर्यावरण मेले पर फीचर
अभी पिछले दिनों हमारे नगर के मुख्य उद्यान में स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी एक मेले का आयोजन किया गया। जिसमें स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। मेले में दो विभाग थे।
पहले विभाग में अनेक तरह के स्टॉल लगे थे, जिनमें मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक जानकारी से संबंधित पुस्तकें थीं। स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकों की वहाँ भरमार थी। लगभग हर चिकित्सा पद्धति पर से संबंधित पुस्तकें वहाँ उपलब्ध थीं। कुछ स्टॉल पर फुल बाडी चेकअप के लिये निःशुल्क शिविर लगे थे, जिनका आयोजन अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने किया था।
मेले में दूसरा विभाग पर्यावरण के संबंध में जागरुकता फैलाने वाला था, जहाँ पर अनेक स्टॉलों पर पर्यावरण को संरक्षित करने और पर्यावरण को नष्ट होने से बचाने से संबंधित अनेक पुस्तकों की भरमार थी।
मेले में स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी जागरुकता फैलाने वाली कई सेमिनार का भी आयोजन नियमित अंतराल पर हो रहा था और मेले में आने वाले लोग इनका लाभ ले रहे थे। हमने भी स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित अनेक पुस्तके लीं और दो अलग-अलग सेमिनार में भाग भी लिया जो क्रमशः स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिये थीं।
कुल मिलाकर हमारे शहर के लिये ये आयोजन काफी लाभकारी रहा और शहर के लोगों को स्वयं को फिट बनायें रखने की जानकारी मिली साथ ही अपने पर्यावरण को बचाने की प्रेरणा भी मिली।