Nahar aur Railway ke Parivahan ke sadhan ke roop mein kya kya Labh hai
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यह जल परिवहन का एक चिरकालीन एवं महत्वपूर्ण साधन है। ... मुख्य लाभ हैं:
भारत में एशिया का सबसे बड़ा रेल मार्ग तंत्र है। यहां प्रथम रेल लाइन 1853 में मुम्बई (बम्बई) से थाणे के मध्य (34 किमी. लम्बी) बनायी गयी। 1854 में कोलकाता (कलकत्ता) से रानीगंज के मध्य रेलमार्ग बनाया गया। 1856 में चेन्नई (मद्रास) से अरकोनम के मध्य रेलमार्ग बनाया गया। वर्ष 1900 के पश्चात्, रेलमार्ग तेजी से विकसित हुआ, और 1947 में भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् भी इसी प्रकार गतिमान रहा। रेल परिवहन अंग्रेजों के स्वामित्व वाली निजी कंपनियों द्वारा संचालित किया गया जब तक कि 1950 में समस्त रेल परिवहन प्रबंधन भारत सरकार द्वारा अपने स्वामित्वाधीन न कर लिया गया। भारतीय रेलमार्गों में पटरी की चौड़ाई गेज (gauge) की दृष्टि से विविधता पायी जाती है जो इस प्रकार है-
ब्रॉड गेज (1.675 मीटर चौड़े)
मीटर गेज (1 मीटर चौड़े)
नैरो गेज (0.762 मीटर और 0.610 मीटर चौड़े)