Hindi, asked by sunitakhunte, 4 months ago

nai Usha sirsak कविता में कवि किन-किन परिवर्तनों की ओर संकेत करता है​

Answers

Answered by nandini9322
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Answer:

उषा' कविता में प्रात:कालीन आकाश की पवित्रता के लिए कवि ने उसे 'राख से लीपा हुआ चौका' कहा है। जिस प्रकार चौके को राख से लीपकर पवित्र किया जाता है, उसी प्रकार प्रात:कालीन उषा भी पवित्र है। आकाश की निर्मलता के लिए कवि ने 'काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो' का प्रयोग किया है।

Explanation:

thank you

Answered by 1999ramprasad10
0

nai usha sirsak kavita me kavi kin kin pariwartano ki aur sanket karta h

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