नई आर्थिक नीति में किसे सम्मिलित किया गया ? (क) उदारीकरण (ख) निजीकरण (ग) वैश्वीकरण (घ) उपर्युक्त सभी
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Explanation:
नयी आर्थिक नीति १९९१
Industrial Policy 1991
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१९९० के दशक में भारत सरकार ने आर्थिक संकट से बाहर आने के क्रम में अपने पिछले आर्थिक नीतियों से विचलित और निजीकरण की दिशा में सीखने का फैसला किया और अपनी नई आर्थिक नीतियों को एक के बाद एक घोषित करना शुरू कर दिया। आगे चलकर इन नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिले और भारत के आर्थिक इतिहास में ये नीतियाँ मील के पत्थर सिद्ध हुईं। उस समय पी वी नरसिंह राव भारत के प्रधानमंत्री थे और मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे।
इससे पहले देश एक गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था और इसी संकट ने भारत के नीति निर्माताओं को नयी आर्थिक नीति को लागू के लिए मजबूर कर दिया था । संकट से उत्पन्न हुई स्थिति ने सरकार को मूल्य स्थिरीकरण और संरचनात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया। स्थिरीकरण की नीतियों का उद्देश्य कमजोरियों को ठीक करना था, जिससे राजकोषीय घाटा और विपरीत भुगतान संतुलन को ठीक किया सके।
नई आर्थिक नीति में किसे सम्मिलित किया गया ? (क) उदारीकरण (ख) निजीकरण (ग) वैश्वीकरण (घ) उपर्युक्त सभी
नई आर्थिक नीति में किसे सम्मिलित किया गया ?
(क) उदारीकरण (ख) निजीकरण (ग) वैश्वीकरण (घ) उपर्युक्त सभी
इसका सही जवाब होगा :
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या :
नई आर्थिक नीति में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण तीनों तत्व शामिल किए गए थे। नई आर्थिक नीति 1990 के दशक में भारत सरकार द्वारा अपनाई गई एक आर्थिक नीति थी। जिसका मुख्य उद्देश्य उस समय भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे भारत की अर्थव्यवस्था को उबारना था।
इस नीति के तीन प्रमुख घटक थे, जो उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण थे। नई आर्थिक नीति को आरंभ करने के मुख्य कर्ताधर्ता तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह थे।
इस आर्थिक नीति का मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण के मैदान में विश्व बाजार के अनुरूप बनाना, मुद्रास्फीति की दर को नीचे लाना, भुगतान असंतुलन को दूर करना, आर्थिक विकास की दर को बढ़ाना तथा विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना था।
यह नीति बेहद सफल साबित हुई और उस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली।
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