Hindi, asked by jaidk6443, 2 months ago

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत दसवीं बोर्ड की अनिवार्यता को समाप्त करना क्या विद्यार्थियों के भविष्य के लिए हितकर साबित होगा ? अगर हां तो कैसे और क्यों ?
अगर नहीं तो कैसे और क्यों?​

Answers

Answered by adarshpandey9087
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Explanation:

पूरे देश में न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 को लेकर चर्चा हाे रही है. श‍िक्षा जगत में इस नई श‍िक्षा नीति से किस तरह के बदलाव आएंगे, या इसमें किन नये बदलावों को शामिल क‍िया जाना चाहिए, इस पर चर्चा हाे रही है. नई एजुकेशन पॉलिसी में बोर्ड एग्जाम्स के दबाव को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव की बात कही गई है. इस बीच बोर्ड परीक्षाओं को खत्म करने की बात भी होने लगी है. आइए जानते हैं, बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक्सपर्ट क्या सोचते हैं.

नई श‍िक्षा नीति पर सवाल: अब 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का क्या मतलब?

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प्रिंसिपल एडवाइजर दिल्ली श‍िक्षा निदेशक शैलेंद्र शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से एक इंटरव्यू में कहा कि NEP 2020 प्रगतिशील और दूरंदेशी विचारों का संग्रह है. उन्होंने आगे कहा कि भारत में किसी भी नई शिक्षा नीति जो एजुकेशन को रचनात्मक, समावेशी और सार्वभौमिक बनाने का प्रयास करती है, उसे मैकाले की श‍िक्षापद्धत‍ि से सीधा मुकाबला करना होगा.

नई श‍िक्षा नीति पर सवाल: अब 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का क्या मतलब?

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10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में उन्होंने कहा कि इस श‍िक्षा नीति में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाएं खत्म नहीं होंगी. उन्होंने कहा कि हालांकि यह "आसान" होगा, लेकिन इससे श‍िक्षा नीति नीति पुराने ढर्रे में बंधी नजर आती है.

नई श‍िक्षा नीति पर सवाल: अब 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का क्या मतलब?

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उन्होंने कहा कि जब शिक्षण मूल्यांकन के नए प्रतिमान स्थापित करने की मांग की जाती है तब पारंपरिक बोर्ड परीक्षाओं की आवश्यकता नहीं होती है. उदाहरण के लिए, बोर्ड परीक्षाओं की आवश्यकता क्यों होगी जब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए मूल्यांकन करेगी?

नई श‍िक्षा नीति पर सवाल: अब 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का क्या मतलब?

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उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी में सतत और व्यापक मूल्यांकन (CCE) और नो-डिटेंशन पॉलिसी जैसे अद्भुत विचारों को छोड़ दिया गया और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 पर भी ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में शिक्षकों को बदलने के लिए वार्षिक 50 घंटे का सतत व्यावसायिक विकास (CPD) पर्याप्त नहीं होगा.

नई श‍िक्षा नीति पर सवाल: अब 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा का क्या मतलब?

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बता दें कि स्कूली श‍िक्षा में अब 10+2 खत्म करके 5+3+3+4 की नई व्यवस्था लागू करने की बात कही गई है. इसके अनुसार अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा

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