Hindi, asked by riyapatre2207, 6 months ago

नई शिक्षा नीति के महत्व पर निबंध 150 शब्दों में

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Answered by harshitamali606
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नई शिक्षा नीति को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिली यह स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है इससे पहले 1968 तथा 1986 में शिक्षा नीतियां लागू की गई थी. 1986 के बाद इस शिक्षा नीति को आने में 34 वर्ष लग गए शिक्षा नीति एक विजन होता है. सरकार के लिए जिसमें आगामी समय के उद्देश्य तथा लक्ष्यों का निर्धारण किया जाता है वर्तमान में तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य तथा सामाजिक संरचना में होते आमूलचूल परिवर्तनों के मद्देनजर प्रत्येक 10 वर्ष में शिक्षा नीति की समीक्षा तथा आवश्यक बदलाव करने चाहिए.

शिक्षा समाज की दिशा तथा दशा का निर्धारण करती है कहा जाता है. कि अगर किसी देश तथा समाज में बड़े परिवर्तन करने हो तो शिक्षा में समय के साथ परिवर्तन आवश्यक है. भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के आम चुनाव में अपना चुनावी वादा शिक्षा नीति में परिवर्तन भी रखा था. जून 2017 में इसरो के प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 11 सदस्य कमेटी का गठन किया गया था, जिसने मई 2019 में शिक्षा नीति से संबंधित प्रारूप तैयार किया नई शिक्षा नीति 2020 की परामर्श प्रक्रिया विश्व की सबसे बड़ी परामर्श प्रक्रिया रही यह जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2019 तक व्यापक स्तर पर सभी पहलुओं को सम्मिलित करते हुए चर्चा की गई तथा सुझाव लिए गए.

29 जुलाई 2020 को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई शिक्षा नीति के प्रारूप को पेश किया तथा इसे नई युग की शुरुआत कहा वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री तथा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस नवीन शिक्षा नीति को ऐतिहासिक फैसला बताया.

भारत की पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति जुलाई 1968 में घोषित की गई यह कोठारी प्रतिवेदन पर आधारित थी दूसरी शिक्षा नीति 1986 में घोषित हुईजिसमें 1990 में गठित आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता वाली कमेटी तथा 1993 में गठित प्रोफेसर यशपाल समिति की समीक्षाओं के आधार पर संशोधन भी किए गए.

शिक्षा वर्तमान में समवर्ती सूची का विषय है इसे 42 वें संविधान संशोधन 1976 को राज्य सूची से समवर्ती सूची में जोड़ा गया अर्थात शिक्षा संबंधी नियम राज्य तथा केंद्र दोनों बना सकते हैं. इस शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है कि केंद्र तथा राज्य के बीच टकराव की स्थिति में दोनों आम सहमति से निर्णय लेंगे.

स्वतंत्रता के समय भारत में शिक्षा की स्थिति काफी कमजोर थी उस समय भारत की साक्षरता 15 से 18% थी 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की साक्षरता 74.04% है. जो विश्व की साक्षरता 84% से काफी कम है भारत में महिला साक्षरता की स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण 65.46 प्रतिशत है.

नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख प्रावधान

नई शिक्षा नीति 2020 के द्वारा शिक्षा के सभी स्तरों तथा गतिविधियों से संबंधित प्रावधान किए गए हैं शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण तथा सार्वभौमिक शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक शिक्षा पर भी बल दिया गया है. इसमें भारतीय संस्कृति की विविधता का उचित समावेश किया गया है.

नई शिक्षा नीति 2020 मे 2030 तक सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा तथा इस नीति को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है इसमें छात्रों की क्षमताओं का आकलन करने पर जोर दिया गया ना कि छात्रों को कितना याद रहता है जैसी रटा फिकेशन पद्धति.

भारत में शिक्षा संबंधी परिवर्तनों में 2009 का शिक्षा का अधिकार अधिनियम महत्वपूर्ण है 2010 से लागू जिसमें निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान 5 से 14 वर्ष के बालकों के लिए किया गया इस शिक्षा नीति द्वारा इसे 3 से 18 वर्ष करने का प्रावधान है.

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aryansharma730730: very good
harshitamali606: Thanks
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