नई विश्व व्यवस्था के सूत्रधार
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भारत, रुस, चीन और ब्राजील के नीति निर्धारकों, विशेषज्ञों और अध्येताआें ने विश्व के वित्तीय संस्थानों के लोकतांत्रिकरण की मांग की है ताकि मौजूदा समस्याआें से कारगर तरीके से उबरा जा सके। इन चारों देशों के संगठन ‘ब्रिक’ की अगले महीने रूस में आयोजित शिखर वार्ता के पूर्व यहां दो दिवसीय तैयारी बैठक में शिखर वार्ता के एजेंडे पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। इस बैठक का आयोजन आब्जर्बर रिसर्च फांउडेशन ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया था। विशेषज्ञों ने इस बैठक के बाद 15 सूत्री घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि इन देशों के विदेशमंत्रियों को आपस में नियमित रुप से बैठक करनी चाहिए। वित्तमंत्रियों और केन्द्रीय बैंकों के प्रमुखों को भी एक दूसरे के सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि विश्व आर्थिक गतिविधियों के बारे में साझा रवैया अपनाया जा सके। बैठक में महसूस किया गया कि अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाआें की वर्तमान कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं है तथा इसमें ‘ब्रिक’ जैसे उभर रही अर्थव्यवस्थाआें को और कारगर स्थान मिलना चाहिए। डालर के स्थान पर वैकल्पिक मुद्रा को स्वीकार करने के सुझाव पर भी बैठक में चर्चा की गई। ब्रिक शिखरवाताआें को प्रतिवर्ष आयोजित करने तथा गैर सरकारी स्तर पर वैचारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की जरुरत पर भी जोर दिया गया।