Naitikta ka girta hua star nibandh in 150 words in hindi
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नेतिकता का गिरता हुआ स्तर
नैतिकता का गुण मनुष्य को धर्म की राह पर चलना सिखाता है। यह ऐसा गुण है जो मनुष्य के लिए बहुत आवश्यक है। इस गुण के साथ ही मनुष्य “सच्चा मनुष्य” कहलाता है। नैतिकता क्या है? यह कहाँ से आती है? इसे कैसे सीखे? इस तरह के प्रश्न उत्पन्न होना स्वाभाविक है।
नैतिकता मतलब झूठ न बोलना, चोरी न करना, दूसरों के प्रति शिष्टता, विनम्रता, उदारता, सुशीलता रखना, अहिंसा इत्यादि। यह गुण जन्म के साथ किसी में नहीं आता। जब एक बच्चा जन्म लेता है तो वह निरागस, निष्पाप, और कोरे कागज की तरह होता है। जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, वैसे-वैसे उसमें शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी होने लगता है। तो सर्वप्रथम नैतिकता का गुण बच्चे में घर से ही पनपता है। और फिर शिक्षा से और समाज से।
परंतु आज-कल समाज में नैतिकता का स्तर गिरता जा रहा है। इस विषय पर सोचा जाए तो हम पाएंगे कि आज-कल जैसे पाप पुण्य का भेद ही मिट गया है। पैसों के लिए मनुष्य अपनों का खून बहाने में भी कतराता नहीं है। चारों तरफ नैतिकता का घोर पतन हो रहा है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह चारों तरफ से देश को खोखला कर रहा है। मनुष्य मनुष्यता भूल चूका है। अगर कहीं कोई गलत हो रहा है, तो उसे रोकने की बजाय लोग उसकी सेल्फ़ी बनाकर उसे सोशल मिड़ीया पर डालकर उसका प्रचार करता है।
नैतिकता को गिरने से बचाने के लिए, बचपन से ही हर बच्चे को सही मार्ग दर्शन मिलना चाहिए। अगर हर व्यक्ति अपने नैतिकता के स्तर को सुधारेगा तो समाज का नैतिकता स्तर भी स्वयं बढ़ जाएगा।Answer:
moshi moshi
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