नकल से उत्तीर्ण हुआ जा सकता है लेकिन उत्कर्ष तो पढ़ाई से ही संभव है पर निबंध लिखिए 200 से 300 शब्दों में
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(निबंध)
नकल से उत्तीर्ण हुआ जा सकता है लेकिन उत्कर्ष तो पढ़ाई से ही संभव है
नकल से खाली उत्तीर्ण हुआ जा सकता है, लेकिन जीवन में अगर उत्कर्ष पाना है, अर्थात जीवन में सही सफलता प्राप्त करनी है, तो वह मन लगाकर पढ़ाई करने से ही प्राप्त होगी।
नकल एक ऐसी क्रिया है, जिसको करने के लिए हमें अपने मस्तिष्क पर अधिक जोर नहीं लगाना पड़ता। हमें केवल दूसरे के द्वारा किए गए कार्य को अनुसरण करना पड़ता है, इस कारण पूरी क्रिया की कार्यविधि हमारे मन मस्तिष्क में अंकित नहीं हो पाती और कुछ समय बाद ही भूल जाते हैं। विद्यार्थी परीक्षाओं में पर्ची आदि बनाकर नकल की सहायता से परीक्षा उत्तीर्ण तो कर लेते हैं, लेकिन उन्होंने नकल की सहायता से जो लिखा है वह उनके मस्तिष्क पर अंकित नहीं होता अर्थात वह कुछ सीख नही पाते और उनकी शिक्षा का उद्देश्य निरर्थक हो जाता है।
शिक्षा का असली उद्देश्य छात्र को सिखाना होता है। विद्यार्थी अपने जीवन में योग्य बन सके इसलिये शिक्षा प्राप्त की जाती है। कुछ भली-भाँति सीखने के लिये मन लगाकर एकाग्रता से बढ़ाई करनी पड़ती है, और जो पढ़ाई की उसे याद रखता पड़ता है, ताकि परीक्षा होने पर विद्यार्थी पढ़ी गई भी बात आसानी से लिख सके बता सके। नकल करने की प्रवृत्ति से ये सब होना संभव नही है।
जीवन में सफलता के लिए जरूरी है, विद्यार्थी ने जो शिक्षा लिए जो पढ़ाई की है, वह हमें जीवन भर याद रहे तब ही शिक्षा का असली उद्देश्य सार्थक होता है। यदि वह बात विद्यार्थी याद नहीं रखेंगे तो उनकी शिक्षा का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। नकल द्वारा विद्यार्थी सीखने की क्रिया से वंचित रह जाता है, यानि वे सही मायनों ना तो पढ़ाई करता है, और ना ही कुछ याद रख पाता है। इस तरह भले ही नकल द्वारा परीक्षा उत्तीर्ण करके कागजों पर शिक्षित घोषित हुआ हो, लेकिन ज्ञान प्राप्ति की दृष्टि से वह अशिक्षित ही रह जाता है। कुछ एक अपवादों को छोड़ दें तो अशिक्षित व्यक्ति जीवन मे उतना सफलता प्राप्त नही कर पाता जितनी एक शिक्षित व्यक्ति द्वारा प्राप्त की होती है।
शिक्षा के लिये सीखना जरूरी है, सीखने के लिये पढ़ाई करना जरूरी है। नकल से सीखा नही जाता, विद्यार्थी शिक्षित नही होता। अतः स्पष्ट है, जीवन मे उत्कर्ष पाने के लिये शिक्षा प्राप्त करनी जरूरी है, जो कि पढ़ने से मिलेगी नकल करने से नही।
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नकल से उत्तीर्ण हुआ जा सकता है लेकिन उत्कर्ष तो पढ़ाई से ही संभव है पर निबंध
यह सत्य है , नकल से उत्तीर्ण हुआ जा सकता है लेकिन उत्कर्ष तो पढ़ाई से ही संभव है | नकल करके विद्यार्थी परीक्षा में पास जरुर हो जाता है , लेकिन वह जीवन की परीक्षा में वह कभी भी पास नहीं हो सकता | जीवन में उत्कर्ष और सफलता पढ़ाई से ही संभव होती है |नकल करके विद्यार्थी को कुछ भी समझ नहीं आता वह , जो देखता वह बिना समझे करता है | वह जीवन में वह कभी सफल नहीं हो सकता है | उसे पढ़ाई के किसी भी विषय के बार में कोई जानकारी नहीं होती है | नकल करना बहुत बड़ी गलती है | नकल करने से जीवन खराब हो सकता है | नकल करने से जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती है |
मेहनत और समझ से की गई पढ़ाई से जीवन सफल बनता है | पढ़ाई जीवन के हर मोड़ पर साथ देती है | मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति पर पढ़ाई निर्णय लेने में साथ देती है | पढ़ाई और लिखाई हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग है। बिना शिक्षा की किसी के भी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जीवन को उत्कर्ष और ऊँचाइयों तक लेकर जाना तो पढ़ाई को एक जरिया बनाइए | पढ़ाई के बिना जीवन में कोई मतलब नहीं है |