Hindi, asked by sukhinand1990, 3 months ago

नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
धर्म की इस बुद्धिहीन दृढता और देव दुर्लभ त्याग पर मन ।
अब दोनों शक्तियों में संग्राम होने लगा। धन ने उछल
करने शुरू किए। एक से पांच, पांच से दस, दस से पन्द्रह और
हजार तक नौबत पहुँची, किंतु धर्म अलौकिक वीरता के साथ
सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भाँति अटल अविचलित खड़ा
अथवा
अगर कालीदास यहाँ आकर कहें कि 'अपने बहुत से सुंदर र
नगने वाली, स्त्रियों का जी खिलाने वाली सोनों​

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Answered by neelesh9593
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Answer:

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