नम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर लिखिए ! बार त्वाने विवेकानन्द बनारस की गलियों से गुजर रहे थे, तभी उनके पीछे एक बंदर दौडा स्वामी जी भागने लगे। बंदर उनके पीछे पड़ गया। सास दृत्य देख रहे एक साधारण से व्यक्ति ने स्वामी जी को हिम्मत बाँधते हुए कहा भागते क्यों हो, पीछे मुड़कर हिम्मत का सामना कसे त्वामी से मुड़कर खड़े हो गए। बंदर भाग खड़ा हुआ। इस तरह उस साधारण से आदमी से स्वामी जी ने सीखा कि जब विपरीत स्थिति का मार्ग में बचा आर, तो उनसे मुक्ति पाने के लिए उनका मुकाबला करना चाहिए। निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए- क) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए? ख) स्वामी जी क्यों भाग रहे थे? ग) स्वामी जी का संकट कैसे दूर हुआ? घ) इस गद्यांश से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
Answers
Answer:
बार त्वाने विवेकानन्द बनारस की गलियों से गुजर रहे थे, तभी उनके पीछे एक बंदर दौडा स्वामी जी भागने लगे। बंदर उनके पीछे पड़ गया। सास दृत्य देख रहे एक साधारण से व्यक्ति ने स्वामी जी को हिम्मत बाँधते हुए कहा भागते क्यों हो, पीछे मुड़कर हिम्मत का सामना कसे त्वामी से मुड़कर खड़े हो गए। बंदर भाग खड़ा हुआ। इस तरह उस साधारण से आदमी से स्वामी जी ने सीखा कि जब विपरीत स्थिति का मार्ग में बचा आर, तो उनसे मुक्ति पाने के लिए उनका मुकाबला करना चाहिए। निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए- क) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए बार त्वाने विवेकानन्द बनारस की गलियों से गुजर रहे थे, तभी उनके पीछे एक बंदर दौडा स्वामी जी भागने लगे। बंदर उनके पीछे पड़ गया। सास दृत्य देख रहे एक साधारण से व्यक्ति ने स्वामी जी को हिम्मत बाँधते हुए कहा भागते क्यों हो, पीछे मुड़कर हिम्मत का सामना कसे त्वामी से मुड़कर खड़े हो गए। बंदर भाग खड़ा हुआ। इस तरह उस साधारण से आदमी से स्वामी जी ने सीखा कि जब विपरीत स्थिति का मार्ग में बचा आर, तो उनसे मुक्ति पाने के लिए उनका मुकाबला करना चाहिए। निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए- क) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए बार त्वाने विवेकानन्द बनारस की गलियों से गुजर रहे थे, तभी उनके पीछे एक बंदर दौडा स्वामी जी भागने लगे। बंदर उनके पीछे पड़ गया। सास दृत्य देख रहे एक साधारण से व्यक्ति ने स्वामी जी को हिम्मत बाँधते हुए कहा भागते क्यों हो, पीछे मुड़कर हिम्मत का सामना कसे त्वामी से मुड़कर खड़े हो गए। बंदर भाग खड़ा हुआ। इस तरह उस साधारण से आदमी से स्वामी जी ने सीखा कि जब विपरीत स्थिति का मार्ग में बचा आर, तो उनसे मुक्ति पाने के लिए उनका मुकाबला करना चाहिए। निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए- क) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए?