Namak k daroga chapter se 5 muhavare -class 11
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पूर्णमासी का चांद-- महीने में एक बार दिखना।
हम जब माह के आधार पर कोई कार्य करते हैं तो उससे मिलने वाली आय पूर्णमासी के चांद की तरह होती है।
पाठ का नाम :- नमक का दारोगा
लेखक :- प्रेमचंद
' प्रेमचंद ' द्वारा रचित ' नमक का दारोगा ' पाठ
में आए निम्नलिखित मुहावरे कुछ इस प्रकार
है:-
◾ घर में औधरा, मस्जिद में दीया अवश्य ।
जलाएँगे। ( अर्थात् घर की स्थति दयनीय है
फिर भी बाहर जाकर दिया जलाएंगे अर्थात्
समाज सेवा करेंगे )
◾ चोरी - छिपे ( अर्थात् गुप्त होकर ,
सबकी नजरों से पड़े कोई काम को अंजाम ।देना )
◾ कगारे पर का वृक्ष होना
◾ पीर का मजार ( पीर के मजार पर चढ़ावा
चढ़ाना अर्थात् घुस देना )
◾ पूर्णमासी का चांद ( पूर्णमासी का चांद ,
एक महीने में केवल एक बार निकलता है
ठीक उसी प्रकार वेतन होता है। वह भी महीने में
एक बार मिलता है।
◾ मीठी नींद में सोना ( अच्छी नींद में सोना)
◾ गोलमाल है ( किसी उलझन में होना )
◾ चलते - पुरजे आदमी ( जो किसी भी ।
चीज में अत्यधिक सक्रिय हो )
◾ टीका टिपण्णी करना । ( किसी के विषय
में बात करना , चुगली करना )
◾ उछल पड़े ( खुश होना )
◾ उदारता का सागर उमड़ना ( अत्यधिक
आदर भाव देना , सत्कार करना )