Hindi, asked by reematerd06, 1 day ago

नमक का दरोगा कहानी के अंत में किसकी विजय दिखाई गई है​

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Answered by saiquafarheen68
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Answer:

नमक का दरोगा कहानी का मुख्यपात्र वंशीधर हमें प्रभावित करता है। वंशीधर एक ईमानदार, दृढ़-निश्चयी, कर्मण्ठ तथा कर्तव्यपरायण व्यक्ति है।

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Answered by bhatiamona
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‘नमक का दरोगा’ कहानी में अंत में मुंशी वंशीधर के रूप में ईमानदारी की विजय दिखाई गई है।

व्याख्या :

‘नमक का दरोगा’ कहानी मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई यह कहानी है। जिसमें एक ईमानदार दरोगा मुंसी वंशीधर और एक धनाढ्य दबंग व्यक्ति पंडित अलोपदीन के बीच के संघर्ष को दिखाया गया है।

जहाँ दरोगा मुंशी वंशीधर ईमानदारी का प्रतीक है, वहीं पंडित अलोपदीन भ्रष्टाचार और बेईमानी का प्रतीक है। नमक की अवैध गाड़ियां पकड़ने पर ईमानदार दरोगा पंडित अलोपदीन द्वारा रिश्वत लेना स्वीकार नहीं करता है और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए पंडित अलोपदीन को गिरफ्तार कर लेता है, लेकिन पंडित अलोपदीन अपने धन के बल पर निर्दोष छूट जाते हैं और उल्टे ईमानदार दरोगा मुंशी वंशीधर को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है। लेकिन बंशीधर की ईमानदारी पर पंडित अलोपदीन को अपनी गलती का पछतावा होता है, और उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर अलोपदीन वंशीधर को अपने यहाँ मैनेजर की नौकरी पर रख लेते हैं।

इस तरह अंत में ईमानदारी की ही जीत होती है।

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