Hindi, asked by shrenidhanwate, 5 months ago

नमक कहानी की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए​

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Answered by sg7546394
9

Answer:

'नमक का दरोगा' कहानी के लेखक 'मुंशी प्रेमचंद' हैं। 'नमक का दरोगा' कहानी की मूल संवेदना समाज और शासन-प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार की प्रवृति को उजागर करना और उस पर व्यंग्यामत्मक कटाक्ष करना है।

'नमक का दरोगा' कहानी समाज की यथार्थ स्थिति को उजागर करती है, और बताती है कि भ्रष्टाचार की जड़ें समाज में गहरे तक अपनी पैठ बना चुकी हैं और हर वर्ग के लोग उसमें आकंठ डूब चुके हैं, लेकिन कुछ ईमानदार लोग अभी भी समाज में हैं।

मुंशी वंशीधर के रूप में जहाँ ईमानदार दरोगा है जो अपने कर्तव्य के प्रति अडिग है तो अलोपदीन के रूप में भ्रष्टाचार का प्रतिनिधि है जो अपने धनबल से सब कुछ खरीद लेने की सामर्थ्य रखता है।

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