नमक यात्रा की चर्चा करते हुए स्पष्ट करें कि यह उपनिवेशवाद के खिलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था।
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उत्तर :
नमक यात्रा उपनिवेशवाद के खिलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था :
नमक यात्रा का उद्देश्य वास्तव में सविनय अवज्ञा आंदोलन को आरंभ करना था । यह आंदोलन 1930 ईस्वी में चलाया गया । इस आंदोलन के द्वारा सरकारी कानूनों को भंग करके सरकार के विरोध रोष प्रकट करना था। आंदोलन का आरंभ गांधी जी ने अपने डांडी यात्रा से किया । यह यात्रा साबरमती में गांधीजी के आश्रम से 240 किलोमीटर दूर डांडी नामक तटीय कस्बे में समाप्त होनी थी। 12 मार्च 1930 ईस्वी को उन्होंने अपने 78 स्वयंसेवकों के साथ साबरमती आश्रम से अपनी यात्रा आरंभ की। मार्ग में अनेक लोग उनके साथ मिल गए। 24 दिन की कठिन यात्रा के बाद वह समुद्र तट पर पहुंचे और उन्होंने समुद्र के पानी से नमक बनाकर नमक कानून भंग किया । इसके बाद सारे देश में लोगों ने सरकारी कानूनों को भंग करना आरंभ कर दिया।
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Explanation:
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