नमन्ति फलिनो वृक्षाः नमन्ति गुणिनो जनाः।
शुष्कवृक्षाश्च मूर्खाश्च न नमन्ति कदाचन।।
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जिस प्रकार फलों से लदी हुई वृक्ष की डालियां झुक जाती हैं, उसी प्रकार सद्गुणों से परिपूर्ण सज्जन सदैव विनम्र होते हैं किन्तु मूर्ख लोग उस सूखी लकड़ी के समान होते है जो कभी नहीं झुकती।
आप अकड़ दिखाकर सज्जन नही बन सकते। बड़ा वो है जो सम्मान करे परंतु जो अकड़ दिखाये वह मूर्ख होता है।
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