Hindi, asked by asheshsingh572, 1 day ago

नमन्ति फलिनः वृक्षाः, नमन्ति गुणिनः जनाः। शुष्कवृक्षाश्च मूर्खाश्च, न नमन्ति कदाचन।।​

Answers

Answered by kinghacker
10

नमन्ति फलिनो वृक्षाः नमन्ति गुणिनो: जनाः।

शुष्ककाष्ठश्च मूर्खश्च न नमन्ति कदाचन

=> जिस प्रकार से फलों से लदी हुई वृक्ष की डाल झुक जाती है उसी प्रकार से गुणीजन सदैव विनम्र होते हैं किन्तु मँर्ख उस सुखी लकड़ी के समान होता हैं जो कर्भी नहीं झुकता।

\huge\color{purple}{ \colorbox{orange}{\colorbox{white} {Thanks}}}

Answered by souhardya51
3

Answer:

नमन्ति फलिनो वृक्षाः नमन्ति गुणिनो: जनाः।

शुष्ककाष्ठश्च मूर्खश्च न नमन्ति कदाचन

=> जिस प्रकार से फलों से लदी हुई वृक्ष की डाल झुक जाती है उसी प्रकार से गुणीजन सदैव विनम्र होते हैं किन्तु मँर्ख उस सुखी लकड़ी के समान होता हैं जो कर्भी नहीं झुकता।

Explanation:

Please mark me as the brainliest and drop some thanks

Similar questions