नमस्कार दोस्तों
आज एक प्रश्न मेरे दिमाग में आया ! जब मैं अपना result देखा , मुझे अनुभव हुवा की बिहार बोर्ड कभी नही सुधर सकता। मैं मानता हूं गलती विद्यार्थियों में नही होती है ।
बिहार बोर्ड के कारण पुरे बिहार बदनाम है , पहली तो परीक्षा की कॉपी अछे से चेक नही होती है । Average marking किया जाता है । बोर्ड इतनी लापरवाह है कि exam की copy को बेच दिया जाता है ।
मुझे ये नही समझ में आता है कि इसमें विद्यार्थियों को क्या गलती है ? उनकी तो मेहनत बेकार हो जाती है । और जो बच्चे नक़ल करके लिखते है उन्ही का marks अछा आता है।
बिहार बोर्ड के बारे में आप क्या कहना चाहोगे मै बहुत शर्मिन्दा हुवा । विद्यार्थियों के जीवन के साथ खेला जा रहां । उनका उज्जवल भविष्य खतरे में है । =_=
बिहार बोर्ड के बारे में अपने विचार रखे । बिहार की शिक्षा स्थिति को कैसे सुधारा जा सकता है ?
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6
Hey Friend,
you are ryt...Bihar board is the worst board in India.
They are not giving true education to their students.
Many Students use nasty methods to score good in their exams.
And their teachers help them.
The Most disgusting thing is that the students which are serious for their studies suffer.
If you want a better future then you should change your board.
you are ryt...Bihar board is the worst board in India.
They are not giving true education to their students.
Many Students use nasty methods to score good in their exams.
And their teachers help them.
The Most disgusting thing is that the students which are serious for their studies suffer.
If you want a better future then you should change your board.
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16
नमस्कार !!
● आपका प्रश्न बहुत अच्छा हैं । मैं अपने निम्न विचारों के माध्यम से आपके प्रश्नों का उत्तर देने कि कोशिश करता हूँ ।
□ सबसे पहले हमें परीक्षा शब्द से परिचित होना होगा परीक्षा शब्द का तात्पर्य किसी बच्चे की योग्यता से हैं । और यह परीक्षा अक्सर लिखित में होती हैं । जिसके आधार पर किसी भी बच्चे को नौकरी के लिए उचित समझा जाता हैं ।
□ और यह परीक्षा अध्यापकों कराते हैं । पर सवाल ये उठता है कि परीक्षा में नकल क्यों ? ऐसी नकल वाली परीक्षा का क्या फायदा ?
□ हम आपको बता दें कि भारत एक ऐसा देश हैं जहाँ युवाओं कि कोई कमी नहीं हैं । जिसमें से आधे से अधिक बेरोजगार हैं । तथा यहाँ हर छेत्र में competition हैं । सभी एक दूसरे से आगे निकलने कि होड़ में लगे हुए हैं ।
● आइए हम आपके प्रश्नों की ओर बढ़ते हैं । परीक्षाओं में होने वाली धाँधली के 2 प्रमुख कारण हैं
1 ) = जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया था कि नौकरी पाने परीक्षा ही मूल आधार हैं । नौकरी पाने की लालसा ही परीक्षाओं में होने गड़बड़ी का प्रमुख कारण हैं । जिसमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल होते हैं ।
□ आपने अपने प्रश्नों में लिखा है कि काॅपियों की अच्छे से जाँच नहीं की जाती , average marking किया जाता हैं , और यहाँ तक कि बोर्ड की कापियाँ तक बेच जाती हैं , जिसके कारण पूरा बिहार बोर्ड बदनाम हैं ।
2 ) = हमने और आपने अक्सर बिहार के कुछ स्कूलों पर हो रही नकल का video न्यूज चैनलों पर आते देखते हैं । जिसके आधार पर आपने कह सकते हैं कि बिहार बोर्ड बदनाम हैं । मेरे विचार से बिहार बोर्ड की बदनामी का कारण वहाँ के कमजोर प्रशासन व सुस्त शिक्षा विभाग हैं ।
□ जो बच्चा दिन - रात पढ़ाई करके परीक्षा देने जाता हैं उसकी कापियाँ बेच दी जाती है , नकल के द्वारा बुद्धिमान बच्चों द्वारा किए गए मेहनत पर पानी फिर जाना । इन सब का कारण लापरवाह प्रशासन हैं ।
□ इसमें बेचारे उन विद्यार्थियों का क्या दोष जो साल भर कड़ी मेहनत करके पढ़ाई करते हैं तथा परीक्षा के समय नकल के द्वारा अन्य विद्यार्थी उनसे ज्यादा बेहतर परीक्षा परिणाम लाते हैं । सीधे तौर पर हम कहे की उनके अधिकारों का दमन होता हैं ।
□ यह बेहद गंभीर समस्या हैं । इससे हमारे देश को भी नुकसान होता हैं क्योंकि मौका उन्हीं बच्चों को मिलता है जो बुद्धिमान नहीं होते ।
□ इसके लिए थोड़ा - बहुत वहाँ का सरकारी कर्मचारी भी जिम्मेदार हैं मगर यदि वहाँ का शिक्षा विभाग अच्छा होता तो अध्यापको पर भी लगने वाले आरोप नगण्य होता ।
● उपयुक्त कथन पढ़ने के बाद हम यह कह सकते हैं कि बिहार में विद्यार्थियों के जीवन के साथ खेला जा रहा है इस प्रकार उनका उज्ज्वल भविष्य खतरे में हैं
और इसे जल्द से जल्द सुधारा जाना चाहिए ।
● बिहार बोर्ड की शिक्षा स्थिति को निम्न तरीकों द्वारा सुधारा जा सकता हैं ।
1 ) = यह बेहद गंभीर समस्या हैं अतः आप ही को सही प्रशासन का चुनाव करना हैं जो शिक्षा पर जोर दे तथा विद्यार्थियों के हित में कार्य करें । तथा जो पारदर्शी हो ।
2 ) = अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी नकल में शामिल मिले , तो प्रशासन को उसे तुरंत निलंबित कर देना चाहिए ।
3 ) = वहाँ के शिक्षा विभाग को हर एक विद्यार्थी की समस्या के सुनने व समाधान के लिए एक टीम की नियुक्ति कर देना चाहिए ।
धन्यवाद ।
● आपका प्रश्न बहुत अच्छा हैं । मैं अपने निम्न विचारों के माध्यम से आपके प्रश्नों का उत्तर देने कि कोशिश करता हूँ ।
□ सबसे पहले हमें परीक्षा शब्द से परिचित होना होगा परीक्षा शब्द का तात्पर्य किसी बच्चे की योग्यता से हैं । और यह परीक्षा अक्सर लिखित में होती हैं । जिसके आधार पर किसी भी बच्चे को नौकरी के लिए उचित समझा जाता हैं ।
□ और यह परीक्षा अध्यापकों कराते हैं । पर सवाल ये उठता है कि परीक्षा में नकल क्यों ? ऐसी नकल वाली परीक्षा का क्या फायदा ?
□ हम आपको बता दें कि भारत एक ऐसा देश हैं जहाँ युवाओं कि कोई कमी नहीं हैं । जिसमें से आधे से अधिक बेरोजगार हैं । तथा यहाँ हर छेत्र में competition हैं । सभी एक दूसरे से आगे निकलने कि होड़ में लगे हुए हैं ।
● आइए हम आपके प्रश्नों की ओर बढ़ते हैं । परीक्षाओं में होने वाली धाँधली के 2 प्रमुख कारण हैं
1 ) = जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया था कि नौकरी पाने परीक्षा ही मूल आधार हैं । नौकरी पाने की लालसा ही परीक्षाओं में होने गड़बड़ी का प्रमुख कारण हैं । जिसमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल होते हैं ।
□ आपने अपने प्रश्नों में लिखा है कि काॅपियों की अच्छे से जाँच नहीं की जाती , average marking किया जाता हैं , और यहाँ तक कि बोर्ड की कापियाँ तक बेच जाती हैं , जिसके कारण पूरा बिहार बोर्ड बदनाम हैं ।
2 ) = हमने और आपने अक्सर बिहार के कुछ स्कूलों पर हो रही नकल का video न्यूज चैनलों पर आते देखते हैं । जिसके आधार पर आपने कह सकते हैं कि बिहार बोर्ड बदनाम हैं । मेरे विचार से बिहार बोर्ड की बदनामी का कारण वहाँ के कमजोर प्रशासन व सुस्त शिक्षा विभाग हैं ।
□ जो बच्चा दिन - रात पढ़ाई करके परीक्षा देने जाता हैं उसकी कापियाँ बेच दी जाती है , नकल के द्वारा बुद्धिमान बच्चों द्वारा किए गए मेहनत पर पानी फिर जाना । इन सब का कारण लापरवाह प्रशासन हैं ।
□ इसमें बेचारे उन विद्यार्थियों का क्या दोष जो साल भर कड़ी मेहनत करके पढ़ाई करते हैं तथा परीक्षा के समय नकल के द्वारा अन्य विद्यार्थी उनसे ज्यादा बेहतर परीक्षा परिणाम लाते हैं । सीधे तौर पर हम कहे की उनके अधिकारों का दमन होता हैं ।
□ यह बेहद गंभीर समस्या हैं । इससे हमारे देश को भी नुकसान होता हैं क्योंकि मौका उन्हीं बच्चों को मिलता है जो बुद्धिमान नहीं होते ।
□ इसके लिए थोड़ा - बहुत वहाँ का सरकारी कर्मचारी भी जिम्मेदार हैं मगर यदि वहाँ का शिक्षा विभाग अच्छा होता तो अध्यापको पर भी लगने वाले आरोप नगण्य होता ।
● उपयुक्त कथन पढ़ने के बाद हम यह कह सकते हैं कि बिहार में विद्यार्थियों के जीवन के साथ खेला जा रहा है इस प्रकार उनका उज्ज्वल भविष्य खतरे में हैं
और इसे जल्द से जल्द सुधारा जाना चाहिए ।
● बिहार बोर्ड की शिक्षा स्थिति को निम्न तरीकों द्वारा सुधारा जा सकता हैं ।
1 ) = यह बेहद गंभीर समस्या हैं अतः आप ही को सही प्रशासन का चुनाव करना हैं जो शिक्षा पर जोर दे तथा विद्यार्थियों के हित में कार्य करें । तथा जो पारदर्शी हो ।
2 ) = अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी नकल में शामिल मिले , तो प्रशासन को उसे तुरंत निलंबित कर देना चाहिए ।
3 ) = वहाँ के शिक्षा विभाग को हर एक विद्यार्थी की समस्या के सुनने व समाधान के लिए एक टीम की नियुक्ति कर देना चाहिए ।
धन्यवाद ।
QGP:
A true, sad reality :(
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