Namse Kon tha uski charitrak biseshtaye bataiye 9th class all in one ouesion
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Explanation:
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आप कहते रहे हम तुम्हारे नहीं। हम तुम्ही को गले से लगाते रहे । तुम अलग पंथ की बात करते रहे। हम तुम्हें अपना पंथी बताते रहे। एक ही भूमि की माटी की है उपज । एक सुरभित पवन से रचे हैं गए पांच नदियों के पानी को पीकर बढ़े। एक ही नभ के सपने संजोते रहे। मत बनाओ लकीरें ये गुरुभूमि पर। विष भरी हवा में न बहते रहो। त्याग बलिदान की वीर संतान तुम। अपने ही रक्त में मत नहाते रहो। युगों से पथिक हम हैं एक पंथ के। निरंतर ढले एक संस्कार में। (i) एक ही भूमि की माटी की हैं उपज' अर्थात्- (क) एक खेत की फसल युगों से हम अपना बताते रहे। एक माँ के दुलार से बड़े हम हुए। एक पिता ने संवारा समान रूप से। एक पीढ़ी रही एक रीति रही। फिर भी तुम दोगलापन बघारते रहे। अपनेपन में पगी वह बहन याद है। जिसके हाथों से राखी बंधाते रहे। याद कर लो तनिक उस दुल्हन भाभी को। जिसकी चूडी की खन-खन में गाते रहे। मदभरी थी महकतीं वे अमराइयां। जिनमें रंगीन रांझे अलापते रहे। उठकर दूर बैठे हुए बंधु को। जिसकी छाया में बैठे मनाते रहे। (ख) एक माता की संतान (ग) एक मातृभूमि की संतान (घ) एक खेत के आलू। (ii) काव्य में किस प्रांत का जिक्र किया गया है? (क) पंजाब (ख) हिमांचल (ग) उत्तरांचल (iii) कवि ने किस में न नहाने की बात कही है ? (क) जल में (ख) बारिश में (ग) अपने रक्त में (iv) एक माँ' से तात्पर्य है (क) धरती माँ (ख) सरस्वती माँ (ग) गता माँ (v) काव्य ने किस काव्य छंद का प्रयोग किया है ? (क) दोहा (ख) चौपाई (ग) अतुकांत (घ) पाकिस्तान (घ) दुश्मनी के रंगों में (घ) सौतेली माँ। (घ) तुकांत।.