Nana Sahab ka parichay dete huye bataiye ki unhe kyu bhagna pada
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Nana saheb raani Laxmi Bai ke muhbole bhai the. Unhe jhansi ko angrezo se bachaane k liye bhaagna pada
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पहली बार सशस्त्र रूप से आरा में आन्दोलन की एवं लडाई की कमान बाबू कुंवर सिंह ने संभाल ली थी और जगदीशपुर में विदेशी सेना से मोर्चा लेकर सहसराम और रोहतास में विद्रोह की प्रचंड़ अग्नि प्रज्ज्वलित की। उसके बाद वे 500 सैनिकों के साथ रीवा पहुँचे और वहाँ के ज़मींदारों को अंग्रेज़ों से युद्ध के लिए तैयार किया वहाँ से बांदा होते हुए कालपी और फिर कानपुर पहुँचे तब तककानु विख्यात सेनापति व क्रांति के नायक तात्या टोपे से उनका सम्पर्क हो चुका था, कानपुर की फिरंगी सेना पर आक्रमण करने के बाद वे आज़मगढ़ गये और वहाँ के सरकारी ख़ज़ाने पर अधिकार कर छापामार शैली में युद्ध जारी रखा यहाँ भी अंग्रेज़ी सेना को पीछे हटना पड़ा।
sejal577922:
pls mark brainliest
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