ननम्न गर्दयािंि को पढ़कर नीचेहदए गए प्रश्नों केउत्तर शिखें 10 अिंक
डॉ. किाम दृढ़ इच्छािब्ति वािेवैज्ञाननक थे। वेभारि को र्वकशसि देि बनानेका सपनसिंिोए हुए थे। उनका मानना था कक भारिवाशसयों को व्यापक दृब्टट सेसोचना चाहहए। हमेंसपनेदेखनेचाहहए।
सपनों को र्वचारों मेंबदिना चाहहए। र्वचारों को काय्वाही केमाध्यम सेहकीकि में बदिना चाहहए। डॉ.
किाम िीसरेऐसेवैज्ञाननक हैं, ब्िन्हेंभारि का सवोच्च सम्मान ‘भारि रत्न’ हदया गया। उन्हें‘पर्दमभूषण’
िथा ‘पर्दमर्वभूषण’ सेभी सम्माननि ककया गया। भारि को उन पर गव्है। इिनी उपिब्लधयााँप्राप्ि करनेके
बाविूद अहिंकार किाम िी को छूिक नहीिंपाया। वेसहि स्वभाव केएक भावुक व्यब्ति थे। उन्हेंकर्विाएाँ
शिखना, वीर्ा बिाना िथा बच्चो केसाथ रहना पसिंद था। वेसादा िीवन उच्च र्वचार मेंर्वश्वास रखिेथे।
किाम साहब का िीवन हम सभी केशिए प्रेरर्ादायक है। किाम िी िपस्या और कम्ठिा की प्रनिमूनि्हैं।
राटरपनि पद की िपथ िेिेसमय हदए गए भाषर् मेंउन्होंनेकबीरदास िी केइस दोहेका उल्िेख ककया था –
‘काि करेसो आि कर, आि करेसो अब’।
(क) डॉ. किाम नेभारि को तया बनानेका सपना देखा है?
(ख) डॉ. किाम ककस प्रवर्ृत्त के व्यब्ति थे?
(ग) डॉ. किाम को तया – तया बेहद पसिंद था?
(घ) डॉ. किाम को ककन-ककन सम्मानों सेसम्माननि ककया गया?
(ड़) डॉ. किाम की िरह आप भारि को आगेबढ़ानेकेशिए तया प्रयास करेंगे।
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my friend tell in English
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can u please tell it in English
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