Hindi, asked by vinitarajesh25, 5 months ago

ननम्नलिखखत गर्दयांश को ध्यानपवक पह़िए और पछ गए प्रश्नों के उत्तर लिखखए। 8 'आत्म दीपो भव' : म ात्मा बर्दध के इस कथन से सवतोमखी प्रनतभा का बीि ननह त ै। दभाग्यवश आि ऐसे दीपकों तथा उनके प्रकाश-स्तंभों का अभाव ै। आि का अध्यापक बबखरी दननया की िानकारी देता ै, जिसमें आकांक्षा, आस्था, प्रेरर्ा,दरदलशता, र्ववेकशीिता आहद तत्त्व न ीं ोते। माग्दश्न का तात्पय् उस रीनत-नीनत को अपनाए िाने से ोता ै, जिसके आधार परक्या,क्यों,ककसलिए और कैसे करना ै?-िैसेप्रश्नों का समावेश ो। मात्र पस्तकीय ज्ञान लशक्षा न ीं ै।संसार, मनष्य और उसके अधधभौनतक एवं आध्याजत्मक, दोनों प्रकार के समस्त कक्रयाकिापों में सामंिस्य बैठा पाने की किा उत्पन्न करने में ी लशक्षा की साथ्कता ै। लशक्षा का उर्ददेश्य चररत्र का ननमा्र् ै, जिसमें प्रयत्न मात्र ज्ञान-वर्दधध के लिए न ीं, अर्पत धचंतन की प्रवर्त्त के र्वकास के लिए ककया िाना आवश्यक ै। र्वचारों के मंथन से ी बर्दधध में र्ववेक और र्वश्वास उत्पन्न ोता ै और म अपने दीपक स्वयं बनकर िीवन को साथ्कता प्रदान करते ैं। (क) लशक्षा की साथ्कता कैसे ै? 2 (ख) र्वचारों के मंथन से क्या ोता ै? उदा रर् देते ए लसर्दध कीजिए। ​

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Answered by raysaroj520
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