ननम्नलरखखत गद्माॊश भें से के ऩूछे गए प्रश्नों के सही उत्तय िारे विकल्ऩ चनु कय लरखखए :- 6
बायतिषव ने कब ब बौनतक िस्तुओॊ के सॊग्रह को फहुत अर्धक भहत्त्ि नहीॊ हदमा है, उसकी दृस्ष्ट से
भनुष्म के ब तय जो भहान आॊतरयक गुर् स्स्थय बाि से फैठा हुआ है, िही चयभ औय ऩयभ है | रोब
भोह, काभ-क्रोध आहद विचाय भनुष्म भें स्िाबाविक रूऩ से विद्मभान यहते हैं, ऩय उन्द्हें प्रधान शस्क्त भान रेना औय अऩने भन तथा फुवद्ध को उन्द्हीॊ के इशाये ऩय छोड़ देना फहुत फुया आचयर् है | बायतिषव
ने कब ब उन्द्हें उर्चत नहीॊ भाना, उन्द्हें सदा सॊमभ के फॊधन से फाॉधकय यखने का प्रमत्न ककमा है |
ऩयॊतुबूख की उऩेऺा नहीॊ की जा सकत , फ भाय के लरए दिा की उऩेऺा नहीॊ की जा सकत , गुभयाह को
ठीक यास्ते ऩय रे जाने के उऩामों की उऩेऺा नहीॊ की जा सकत |
(I) उऩमुक्व त गद्माॊश ककस ऩाठ से लरमा गमा है ?
(क) फस की मात्ा, (ख) राख की चड़ूड़माॉ, (ग) क्मा ननयाश हुआ जाए, (घ) इनभें से कोई नहीॊ |
(II) इस ऩाठ ( गद्माॊश )के रेखक का नाभ क्मा है ?
(क) हरयशॊकय ऩयसाई, (ख) हजायीप्रसाद द्वििेदी (ग) भहाि यप्रसाद द्वििेदी, (घ) इनभें से कोई नहीॊ |
(III) बायतिषव के रोगों ने ज िन भें कब ब ककसको फहुत अर्धक भहत्त्ि नहीॊ हदमा है?
(क) बौनतक िस्तुओॊ के सॊग्रह को, (ख) राब-हानन को, (ग) ज िन को, (घ) इनभें से कोई नहीॊ |
(IV) अऩने भन तथा फुवद्ध को रोब-भोह, काभ-क्रोध आहद के इशाये ऩय छोड़ देने को क्मा फतामा है ?
(क) अच्छा आचयर्, (ख) फहुत फुया आचयर्, (ग) विशेष आचयर्, (घ) इनभें से कोई नहीॊ |
(V) बायतिषव के रोगों ने सदा ककसको सॊमभ के फॊधन से फाॉधकय यखने का प्रमत्न ककमा है ?
(क) राब-हानन,रुऩमा-ऩैसा, (ख) रोब-भोह,काभ-क्रोध, (ग) बरा-फुया,गुर्-दोष, (घ) इनभें से कोई नहीॊ |
(VI) ‘रोब-भोह, काभ-क्रोध’ भनुष्म की स्िाबाविक िस्ृत्त है, इनके इशाये ऩय ककसे नहीॊ छोड़ना चाहहए?
(क) सुख ि दखु , (ख) भन ि फुवद्ध, (ग) ऻान ि ध्मान, (घ) इनसे कोई नहीॊ |. is question Ko jo bhi karega USAA bran list karunga
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isko krna too impossible hai yeh too sanskrit hai .... I hate sanskrit...
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