ननम्नलरखखत गदमाॊशों को ऩढ़कय नीचे लरखे प्रश्नों के उत्तय दीजजए| काव्म–करा गतिशीर करा है ककॊिुचित्रण–करा स्थामी करा हैं| काव्म भें शब्दों की सहामिा से किमाओॊ औय घटनाओॊ का वणनण ककमा जा सकिा हैं| कवविा का प्रवाह सभम द्वाया फॊधा हुआ नह ॊ है| सभम औय कवविा दोनों ह प्रगतिशीर है, इसलरए कवविा सभम के साथ ऩरयवतिणि होने वार किमाओॊ, घटनाओॊ औय ऩरयस्स्थतिमो का वणनण सभुचिि रूऩ से कय सकिी हैं| चित्रण–करा स्थामी होने के कायण सभम के के वर एक ऩर को ऩदाथों के के वर एक रूऩ को अॊककि कय सकिी है| चित्रण–करा भें केवर ऩदाथो का चित्रण हो सकिा है| कवविा भें ऩरयविनण शीर ऩरयस्स्थतिमों, घटनाओॊ औय किमाओॊ का वणणन हो सकिा है, इसलरए कहा जा सकिा है कक कवविा का ऺेत्र चित्रकरा से ववस्ििृ है| कवविा द्वाया व्मक्ि ककए हुए एक–एक बाव औय कबी–कबी कवविा के एक शब्द के लरए अरग चित्र उऩस्स्थि ककए जा सकिे हैं| ककॊिुऩदाथों का अस्स्ित्व सभम से ऩये िो है नह ॊ, उनका बी रूऩ सभम के साथ फदरिा यहिा हैऔय मे फदरिे हुए रूऩ फहुि अॊशो भें सभम का प्रबाव प्रकट कयिे हैं| इसी प्रकाय किमा औय गति, बफना ऩदाथो के आधाय के सॊबव नह ॊ| इस बाॊति ककसी अॊश भें कवविा ऩदाथों का सहाया रेिी है औय चित्रण–करा प्रगतिवान सभम द्वाया प्रबाववि होिी है, ऩय मह सफ गौण रूऩ से होिा है| हभने लरखा है कक ऩदाथों का चित्रण चित्रकरा का काभ है, कवविा का नह ॊ| इस ऩय कुछ रोग आऩवि कय सकिे हैंकक काव्म–करा के भाध्मभ से अचधक शब्द सवशण स्क्िभान हैं, उनसे जो काभ िाहे लरमा जा सकिा, ऩदाथों के वणनण भें वे उिने ह काभ के हो सकिे हैंस्जिने किमाओॊ के, ऩय मह स्वीकाय कयिे हुए बी कक शब्द फहुि कुछ कयने भें सभथण है, मह नह ॊ भाना जा सकिा कक वे ऩदाथों का चित्रण उसी सुॊदयिा से कय सकिे हैंस्जस सुॊदयिा से चित्र|
- क. कवविा का ऺेत्र चित्रकरा से ककस प्रकाय ववस्ििृ है? [2]
ख. ’ऩदाथो का चित्रण चित्रकरा का काभ है, करा का नह ॊ|’ कै से? [2]
ग. काव्म–करा औय चित्रकरा भें भुख्म अॊिय क्मा है? [2]
घ. इस ऩय कुछ रोगों को आऩवि क्मों हो सकिी है कक ऩदाथो का चित्रण चित्रकरा का काभ है, कवविा का नह ॊ? [2]
ङ. चित्र को देखकय भन ऩय क्मा प्रबाव ऩड़िा है? [1]
च. गद्माॊश का उऩमुक्ि शीषकण द स्जए| [1]
Answers
Explanation:
ननम्नलरखखत गदमाॊशों को ऩढ़कय नीचे लरखे प्रश्नों के उत्तय दीजजए| काव्म–करा गतिशीर करा है ककॊिुचित्रण–करा स्थामी करा हैं| काव्म भें शब्दों की सहामिा से किमाओॊ औय घटनाओॊ का वणनण ककमा जा सकिा हैं| कवविा का प्रवाह सभम द्वाया फॊधा हुआ नह ॊ है| सभम औय कवविा दोनों ह प्रगतिशीर है, इसलरए कवविा सभम के साथ ऩरयवतिणि होने वार किमाओॊ, घटनाओॊ औय ऩरयस्स्थतिमो का वणनण सभुचिि रूऩ से कय सकिी हैं| चित्रण–करा स्थामी होने के कायण सभम के के वर एक ऩर को ऩदाथों के के वर एक रूऩ को अॊककि कय सकिी है| चित्रण–करा भें केवर ऩदाथो का चित्रण हो सकिा है| कवविा भें ऩरयविनण शीर ऩरयस्स्थतिमों, घटनाओॊ औय किमाओॊ का वणणन हो सकिा है, इसलरए कहा जा सकिा है कक कवविा का ऺेत्र चित्रकरा से ववस्ििृ है| कवविा द्वाया व्मक्ि ककए हुए एक–एक बाव औय कबी–कबी कवविा के एक शब्द के लरए अरग चित्र उऩस्स्थि ककए जा सकिे हैं| ककॊिुऩदाथों का अस्स्ित्व सभम से ऩये िो है नह ॊ, उनका बी रूऩ सभम के साथ फदरिा यहिा हैऔय मे फदरिे हुए रूऩ फहुि अॊशो भें सभम का प्रबाव प्रकट कयिे हैं| इसी प्रकाय किमा औय गति, बफना ऩदाथो के आधाय के सॊबव नह ॊ| इस बाॊति ककसी अॊश भें कवविा ऩदाथों का सहाया रेिी है औय चित्रण–करा प्रगतिवान सभम द्वाया प्रबाववि होिी है, ऩय मह सफ गौण रूऩ से होिा है| हभने लरखा है कक ऩदाथों का चित्रण चित्रकरा का काभ है, कवविा का नह ॊ| इस ऩय कुछ रोग आऩवि कय सकिे हैंकक काव्म–करा के भाध्मभ से अचधक शब्द सवशण स्क्िभान हैं, उनसे जो काभ िाहे लरमा जा सकिा, ऩदाथों के वणनण भें वे उिने ह काभ के हो सकिे हैंस्जिने किमाओॊ के, ऩय मह स्वीकाय कयिे हुए बी कक शब्द फहुि कुछ कयने भें सभथण है, मह नह ॊ भाना जा सकिा कक वे ऩदाथों का चित्रण उसी सुॊदयिा से कय सकिे हैंस्जस सुॊदयिा से चित्र|
- क. कवविा का ऺेत्र चित्रकरा से ककस प्रकाय ववस्ििृ है? [2]
ख. ’ऩदाथो का चित्रण चित्रकरा का काभ है, करा का नह ॊ|’ कै से? [2]
ग. काव्म–करा औय चित्रकरा भें भुख्म अॊिय क्मा है? [2]
घ. इस ऩय कुछ रोगों को आऩवि क्मों हो सकिी है कक ऩदाथो का चित्रण चित्रकरा का काभ है, कवविा का नह ॊ? [2]
ङ. चित्र को देखकय भन ऩय क्मा प्रबाव ऩड़िा है? [1]
च. गद्माॊश का उऩमुक्ि शीषकण द स्जए| [1]
Answer:
bahi hus na answer kar Di ya