.ननम्नसिखखत गदयाींश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर सिखें | (5) किाश को मणालिनी की झपी हई सरत दखकर मािम हआ कक इस वक्त उसका इनकार वास्तव म उस बरा िगा ह। ज्र्ों ही प्रीनतभोि समाप्त हआ और गाना शरू हआ, उसन मणालिनी और अन्र् लमत्रों को सापों क दरब क सामन ि िाकर महअर बिाना शरू ककर्ा। कफर एक-एक खाना खोिकर एक-एक सााँप को ननकािने िगा। वाह! क्र्ा कमाि था। ऐसा िान पड़ता था कक र्े कीड़े उसकी एक-एक बात, उसके मन का एक-एक भाव समझते हैं|ककसी को उठा लिर्ा, ककसी को गरदन में डाि लिर्ा, ककसी को हाथ म िपट लिर्ा। मणालिनी बार-बार मना करती कक इन्हें गरदन में न डािो, दर ही स ददखा दो। बस िरा नचा दो। कैिाश की गरदन में सााँपों को लिपटते देखकर उसकी िान ननकिी िाती थी। पछता रही थी कक मैंने व्र्थय ही इनसे सााँप ददखाने को कहा मगर किाश एक न सनता था। प्रलमका क सम्मख अपन सप-किा-प्रदशयन को ऐसा अवसर पाकर वह कब चकता! एक लमत्र न टीका की – “दााँत-तोड़ डािे होंगे।” प्रश्नः 1.मणालिनी क उदास होन का कारण क्र्ा था? प्रश्नः 2.किाश न मणालिनी की उदासी दर करन का प्रर्ास कब ककर्ा? प्रश्नः 3.हर सााँप कैिाश की बात मानता है। र्ह कैसे पता चिता है ?
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Gottilla
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Andra nanga e questionge uttra gottilla annanga
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