Hindi, asked by ankitgautam3184, 8 months ago

Nar aur nari shiksha ek smaan

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Answered by nishantsaxena53
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#BAL

दोस्तों, निचे नीले रंग में दिया हुआ अंश “लड़का लड़की एक समान या बेटा बेटी एक समान” पर निबंध है| इसे आप ज्यों का त्यों अपने भाषण और निबंध में इस्तेमाल करें| इस विषय में अधिक जानकारी के लिए नीले अंश में निचे भारत में लिंग असमानता पर कई रोचक तथ्य दिए गए हैं| उन्हें पढना मत भूलिए|

आज के इस मॉडर्न युग में लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं है| दोनों ही एक दुसरे को कांटे की टक्कर देने में सक्षम हैं| इतिहास से लेकर आज तक लडकियां कई खेत्र में सफलता हाषिल की हैं| लड़कियों की कर्मशीलता ही उनके सक्षम होने का सबूत है| आज भी लडकियां समाज की शान माने जाते हैं| लेकिन आए दिन लड़कियों पर अत्याचार, घरेलु हिंसा, दहेज की मांग हमे शर्मशार कर जाती है| हमे लड़कियों और लड़कों में कोई भेदभाव न कर सब को एक समान महसूस करना चाहिए|

लड़कियों को उचित शिक्षा देना चाहिए| उन्हें पढने का मौका देना चाहिए| वक़्त ने लड़कियों पर जुर्म होते देखा है, लेकिन वह दौर फिर से न दोहराया जाये इसकी हमें ख़ास ध्यान रखना है| आज कल सरकार के तरफ से लड़कियों के लिए काफी नई और सुविजनक योजनाओं का एलान किया जा रहा है| लड़कियों के जन्म से लेकर पढ़ाई, नौकरी, बीमा, कारोबार, सरकारी सुवीधा, आदि क्षेत्र में सरकार की तरफ से काफी मदद भी प्रदान किया जा रहा है, ताकि लडकियां समाज में कभी किसी से पीछे न छूट जाएँ|

वक़्त लड़कियों को घर के चार दिवारी में सिमित रहने से लेकर आज आसमान में उड़ान करने की गवाह है| ये सब मुमकिन हमारी खुली सोच और निस्वार्थ ख्याल से है|

लड़कियों को अपनी नज़रिए पेश करने की आजादी मिलनी चाहिए| उन्हें परिवार की हर निर्णय का हिस्सा बनने देना चाहिए| उन्हें अपने आप को कभी किसी से कम महसूस नहीं करना चाहिए|

लड़कियों को आत्मरक्षा की तालीम दे हम उन्हें समाज की गन्दगी से लढने की योग्य बनाना चाहिये| हमें उन्हें अपने आपको सुरक्षित महसूस कराना चाहिए|

लड़का और लड़की एक समान की कोशिश की पहल सबसे पहले हमें अपने परिवार से शुरुवात करनी चाहिये| अपने बच्चों को लड़कियों का आदर करना सिखाना चाहिए| हमेशा लड़कियों की सम्मान कर उनकी मदद करने की शिक्षा देना चाहिए| हमें खुद सबसे पहले अपने बेटों और बेटियों के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहिए| हमे ये ध्यान रखना चाहिए की कहीं हमारे समाज में कोई परिवार में लड़कियों पर अत्याचार तो नहीं हो रहे हैं| और अगर ऐसी कोई समस्या देखने को मिले, तो तुरंत दोषी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए|

विद्द्यालयों में लड़का और लड़की एक समान या कहें बेटा बेटी एक समान के बारे में पढाया जा रहा है ताकि ये मनोभाव बच्चों पर शुरुवात से ही छाप छोड़ जाए की लडकियां और लड़कों में कोई अंतर नहीं है| दोनों एक समान है| और दोनों को ही अगर सही मौका या आजादी दिया जाए तो कुछ कर सकते हैं|

अगर देखा जाये तो पहले की ज़माने से लड़कियों पर कई हद तक पाबंदी हटा दिया गया है, लेकिन हमे इस पाबंदी को हटाने से ज्यादा मिटाने के बारे में सोचना चाहिए| किसी भी हाल में लड़कियों को अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने देना चाहिए| ये हम ही हैं जो की लड़का और लड़की में अंतर का भाव बनाये हैं वरना इश्वर ने तो सिर्फ इंसान बनाये थे|

वक़्त आ गया है लड़का लड़की में अंतर जैसे दक्क्यानुसी सोच को समाज से बाहर फेंकने की और हमारे समाज की बहु बेटियों को उनके पुरे हक देने की| आईए आज से ये संकल्प करें की लड़का और लड़की में हम अब से कोई भेदभाव न करें और लड़कियों को उनका पूरा हक देने से न हिचकिचाएं| हम अपने सोच को बदल कर देश की हालत को बदल सकते हैं| हममे ही है देश और हममे ही है उसका भविष्य| आइए लड़कियों को उनकी हक दे कर देश की भविष्य को और उज्जवल बनाएं|

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