Nar nari ek Saman essay in Hindi class 9 140 words about
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स्वस्थ, शिक्षित सक्षम सुयोग्य और कुशल नारी व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक आदि सभी क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध हो सकती है ।। उसकी गतिविधियाँ यदि चौके चूल्हे तक बच्चे पैदा करने और घर की चौकीदारी भर करने तक ही सीमित न रहने दी जाए, उन्हें विकसित होने दिया जाए, तो मानव जाति की सर्वतोमुखी प्रगति में भारी सहयोग मिल सकता है ।। जो भार आज अकेले पुरुष को उठाना पड़ रहा है उससे कंधा मिलाने वाला दूसरा साथी भी मिल जाए तो प्रकृति का चक्र दूनी गति से घूमने लगेगा ।।
यह कल्पना तो हमें अच्छी लगती है लेकिन उस स्थिति से हम बहुत दूर हैं ।। नारी की वर्तमान स्थिति दयनीय भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी ।। दयनीय इस अर्थ में है कि उससे मनुष्यता के अधिकार छिन गए हैं ।। पशुओं के लिए भी अनुचित लगने वाले बंधनों में उसका शरीर और मन जकड़ा हुआ है ।।
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