Hindi, asked by auroraariazen, 1 year ago

नर हो न निराश करो मन को पर छोटा अनुच्छेद
Pls i will mark u as brainliest
Make sure that it's short
Need it fast hindi exam tomorrow


auroraariazen: Make it short

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Answered by Anonymous
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जब हम ‘नर हो, न निराश करों मन को’ पंक्ति को सुनते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कोई हमें चुनौती देते हुए कुछ कह रहा हो कि तुम सांसारिक जीवन की छोटी कठिनाईयों को से घबरा जाते हो क्योंकि तुमने अभी तक जीवन की बाधाओं का सामना करना नहीं सीखा है। जब वे ऐसे बोलने लगें जैसे जमीन फट जाएगी या आसमान फट जायेगा।

तुम पुरुष हो और वीरता तुम्हारे पास है। एक बार की असफलता से इस तरह से निराश नहीं होना चाहिए हमें परिस्थितियों का डंटकर सामना करना चाहिए। हमें एक चिड़िया से भी सबक लेना चाहिए क्योंकि वह कभी भी हार नहीं मानती है वह अपने घोंसले को बनाने के लिए बहुत मेहनत करती है।

वह तब तक नहीं हारती जब तक अपने घोंसले को पूरा नहीं कर देती। दूसरी तरफ मनुष्य होता है जो छोटी-छोटी बात पर निराश होकर बैठ जाता है उसे कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने तक परिश्रम करते रहना चाहिए।


auroraariazen: Don't u have anything to study
auroraariazen: Go and mind ur own business
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