नर हो न ननराश करो मन को कुछ काम करो कुछ काम करो,
जग में रहकर ननज नाम करो।
र्ह जन्म हुआ ककस अथय अहो। समझो जजससे र्ह व्र्थय न हो।
कुछ तो उपर्ुक्त करो तन को,नर हो न ननराश करो मन को।
सूँभिो कक सुर्ोग न जाए चिा,कब व्र्थय हुआ सिपु ार् भिा?
समझो न जग को ननरा सपना,पथ आप प्रशस्त करो अपना।
अखखिेश्िर हैअििम्बन को,नर हो न ननराश करो मन को।।
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्ि र्हाूँ, किर जा सकता िह तत्ि कहाूँ,
तुम स्ित्ि सुिा रस पान करो, िि रूप रहो भि कानन को
नर हो न ननराश करो मन को।।
Answers
Answered by
1
Answer:
नर हो , न निराश करो मन को
Similar questions