nara lekhan topic-corona yodhaon ka manobal badhate hetu nara likhiye please give a suitable answer in hindi
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Answer:
OK........
Explanation:
भारत के राजनीतिक इतिहास पर नज़र डालें तो इसका जवाब हां भी हो सकता है और ना भी.
बहुत से राजनीतिक दलों ने रचनात्मक नारों के आधार पर चुनाव जीते हैं जबकि नारों के लोगों को प्रभावित न कर पाने की सूरत में कई दल हार गए हैं.
तो जीतने की उम्मीद में राजनीतिक दलों के शब्दों के बाज़ीगर सिर जोड़कर बैठ जाते हैं ताकि कुछ मज़ेदार, मौलिक शब्दों के समूह पैदा कर सकें.
दुनिया के सबसे बड़े चुनाव कहे जा रहे, 2014 आम चुनाव, भी अलग नहीं हैं.
ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार...
करीब-करीब हर दल मतदाताओं से जुड़ने के लिए अपने नारे लेकर मैदान में है. रचनात्मक नारे रोज़ अख़बारों में छप रहे हैं और अन्य प्रचार माध्यमों से भी सुने जा सकते हैं.
अक्सर नारे राजनेताओं को अपने समर्थकों को इकट्ठा करने और अपने विचारों को एक बार में कहने के काम आते हैं. 2008 के अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में दिए गए बराक ओबामा के नारे "यस वी कैन" को कम ही लोग भुला सकते हैं.
लेकिन भारत की विविधतापूर्ण राजनीतिक संस्कृति में नारे कैसे काम करते हैं?
यहां राजनीतिक दलों के नारे अक्सर देश का मिज़ाज भांपने की दल की क्षमता को रेखांकित करते हैं. एक अच्छा नारा धर्म, क्षेत्र, जाति और भाषा के आधार पर बंटे हुए लोगों को साथ ला सकता है लेकिन ख़राब नारा राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पलीता लगा सकता है.
इस साल सभी मुख्य राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि उन्हें मतदाताओं के दिलों के तार छेड़ने वाला जादुई शब्द-समूह मिल गया है.