नर्मदा नदी के तट के सौंदर्य का वर्णन कीजिए
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समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्थान पर ही मध्य भारत के विंध्य और सतपुड़ा की पहाड़ियों का मेल होता है। हिंदुओं के तीर्थस्थल अमरकंटक से पवित्र नर्मदा और सोन नदी की उत्पति होती है। नर्मदा नदी यहां से पश्चिम की तरफ जबकि सोन नदी पूर्व दिशा में बहती है जिसे देखकर मन प्रसन्न हो उठता है।
नर्मदा नदी के तट के सौंदर्य का वर्णन कीजिए।
नर्मदा नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। यह केवल एक नदी नहीं बल्कि एक संस्कृति का द्योतक है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश में बहती है और यह मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहलाती है। नर्मदा नदी का स्वच्छ जल और उसके आसपास फैल दूर-दूर तक हरियाली तथा उइसके तट पर बसे हजारों गाँव और नगर नर्मदा नदी की शोभा को निरंतर बढ़ाते हैं।
नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से और इसके संगम स्थल पर अनेकों तीर्थ हैं, जहाँ पर हर समय श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। नर्मदा नदी को रेवा नदी के नाम से भी जाने जाते हैं। नर्मदा नदी की गति और इसके चट्टानों से गिरने के कारण इसे रेवा कहा जाता है।
नर्मदा नदी के किनारे पर जो भी घाट हैं। उन पर हर हर नर्मदे बोलकर भक्त लोग नदी में डुबकी लगाते हैं और अर्पण एवं तर्पण करते हैं। यह धार्मिक क्रियायें नर्मदा नदी की शोभा को निरंतर बढ़ाती हैं। रात के समय नर्मदा नदी की आरती करना और दीप दान करना अद्भुत दृश्य पैदा करता है।
ओंकारेश्वर की घंटी की ध्वनि से मैया प्रसन्न हो जाती है और नर्मदा नदी की कलकल बहती लहरें रात की नीरवता में अद्भुत समा बांध देती हैं। नर्मदा नदी की तेज गति उसके जलप्रपातों में भी दिखाई पड़ती है। इसके तट पर बसे अमरकंटक, भेड़ाघाट, जबलपुर, शुक्लतीर्थ जैसे समृद्ध नगर नर्मदा नदी की कहानी स्वतः ही बयान करते हैं।
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