नरेश मेहता की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए
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नरेश मेहता की भाषा शैली पर प्रकाश
नरेश मेहता हिंदी के जाने माने साहित्यकार रहे हैं। नरेश मेहता का जन्म 15 फरवरी 1922 को मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के शाहजहांपुर नामक गांव में हुआ था उन्होंने अनेक काव्य ग्रंथ खंड का उपन्यास कहानी संग्रह नाटक चिंतन समीक्षा आदि ग्रंथों की रचना की है
उनके साहित्य की भाषा शैली संस्कृतनिष्ठ रही है। उनके रचनाओं में संस्कृतनिष्ठ हिंदी के शब्दों के प्रधानता दिखती है। उनके काव्य की भाषा विषय अनुकूल और प्रवाहमयी रही है। उन्होंने अपने काव्य में सभी अलंकारों विशेषकर ऊपर मानवीकरण, रूपक, उपमा, उत्प्रेक्षा, अनुप्रास आदि अलंकारों का सुंदरतम प्रयोग किया है। उन्होंने नवीन और परंपरागत दोनों तरह के छंदों का मिश्रित प्रयोग किया है। प्रतीक के तौर पर उन्होंने बहुत अधिक क्लिष्ट न होकर सीधे और सरल बिंबों का प्रयोग किया है। शिल्प और अभिव्यंजना के तौर पर उनके रचनाओं में ताजगी और नयापन दिखता है।