Hindi, asked by nirmalyabhujabal, 1 month ago

नर्द्यार्थी का िक्ष्य नर्द्या ग्रहण करिा है I राजिीनत उसके िक्ष्य को पूरा िहीां कर सकती I राजिीनत

र्ास्तर् मे छि और झूठ का िेि है I सत्ता पक्ष और नर्रोधी पक्ष इसके दो पािे होते हैं I इिके बीच सदा

रस्साकशी होती है I यह सरि और सुद्ध मि र्ािे नर्द्यार्थी के बस का रोग िहीां I राजिीनत छात्र जीर्ि में

पढ़ाई - नििाई में बाधा डािती है I कई बार यह छात्रोां को गुमराह भी कर देती है I अध्ययि पूरा करिे

के बाद र्क्ती यनद समझता है नक उसे सामानजक कायों मैं भूनमका का निर्ावह करिा है तो र्ह स्वतांत्र है

नकां तु योग्यता प्राप्त करिे के बाद ही यह उनचत है I इससे पहिे ही यनद इधर ध्याि आकनषवत हो गया तो

मूि उद्देश्य 'नर्द्या ग्रहण करिा' पीछे छु ट जाता है I छात्र जीर्ि में तो नर्द्याधयि करिा ही एकमात्र ध्येय

होिा चानहए उपयवक्त गदयाांश का उनचत शीषवक दीनजए I​

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Answered by ys5178283
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pls mark brainlist

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