Narad kisan ki pariksha kyu Lena chahte the ?
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प्रशन :- नारद किसान की परीक्षा क्यूँ लेना चाहते थे ?
उत्तर :- एक बार नारद मुनि जी ने भगवान विष्णु जी से पुछा, हे भगवन आप का इस समय सब से प्रिय भगत कोन है ? अब विष्णु तो भगवान है, सो झट से समझ गए अपने भगत नराद मुनि की बात, ओर मुस्कुरा कर बोले ! मेरा सब से प्रिय भगत उस गांव का एक मामुली किसान है, यह सुन कर नारद मुनि जी थोडा निराश हुए , इसी कारण से वह किसान की परीक्षा लेना चाहते थे |
Answer:
नारद किसान की परीक्षाएं से लेकर उन्होंने देखा कि हरजोत कराया वह दरार को दरवाजे पहुंचकर राम जी का नाम लिया स्नान भोजन करके फिर चला गया काम पर शाम को आया दरवाजे पर फिर नाम लिया प्रातः काल चलते समय एक बार फिर उसने मधुर सुना बंद किया बस केवल तीन बार मधुर नाम लिया श्री विष्णु जी ने नारदजी को कहा कि आवश्यक दूसरा एक काम आया तुम्हें छोड़कर कोई और नहीं कर सकता सारण विषय है बाद में विवाद होगा तब तक यह आवश्यक कार्य पूरा कीजिए तेल पूर्ण पात्र को लेकर प्रशिक्षण आ कर आइए भूमंडल के ध्यान दें सभी से एक बूंद भी गिरनार ना पाए योगीराज जल्दी विश्व पर्यटन करके लौटे बैकुंठ हो गए तेल एक बूंद भी उसके बाद से नहीं गिरा उल्लास मन से भरा था यह सोचेगा सहस्य का विकास होगा ने नारद को देखकर विष्णु भगवान ने बैठा है सीने से कहा यह उत्तर तुम्हारा यही आ गया मतलब पास लेकर जाते समय कितनी बार नाम इससे लिया मेरा एक बार भी नहीं यह सत्य है