Narak Ka Marg (Premchand Kahani) Please tell the summary in 100 words.
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नरक का मार्ग रात “भक्तमाल” पढ़ते-पढ़ते न जाने कब नींद आ गयी। कैसे-कैसे महात्मा थे जिनके लिए भगवत्-प्रेम ही सब कुछ था, इसी में मग्न रहते थे। ... आभूषणों से जिसे प्रेम हो जाने , यहां तो इनको देखकर आंखे फूटती है;धन-दौलत पर जो प्राण देता हो वह जाने, यहां तो इसका नाम सुनकर ज्वर- सा चढ़ आता हैं।
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