narendra modi speech in hindi on independence day 2015
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी देशवासियों से राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में योगदान का आह्वान किया। 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्रचार से पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए आत्मनिरीक्षण का अवसर ताकि हम जान सकें कि हमारे कृत्य राष्ट्रीय हितों पर किस तरह प्रभाव डाल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आइये अपने सभी कृत्य हम राष्ट्र निर्माण में लगा दें और राष्ट्रनिर्माण में योगदान करें।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत की जनता को शुभकामनाएं देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह उन्हें प्रधानमंत्री के बतौर नहीं बल्कि प्रधान सेवक के रूप में सबोधित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी को सशक्त बनाने तथा युवाओं की क्षमताओं का उपयोग करने के उद्देश्य से कई योजनाओं की घोषणा भी की।
बैंकिंग सेवा और वित्तीय समायोजन को सर्वसुलभ बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की घोषणा की जिसके तहत प्रत्येक गरीब परिवार का एक बैंक खाता खुलेगा, उसे एक डेबिट कार्ड मिलेगा और उसका एक लाख रुपये का बीमा होगा।
देशव्यापी ‘स्किल इंडिया’ अभियान चलेगा जो कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार सुनिश्चित करेगा।
प्रधानमंत्री ने “कम एंड मेक इन इंडिया” विजन की घोषणा करते हुए दुनियाभर की विनिर्माता कंपनियों को भारत में निवेश करने और भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में मदद के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने भारतीय युवकों को उनकी उद्यमिता क्षमता का परिचय देते हुए उन तमाम वस्तुओं का भारत में विनिर्माण करने का आह्वान किया जो हमारे आयात बिल को बढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि “मेड इन इंडिया” को उत्कृष्टता का प्रतीक बना दीजिए।
श्री नरेन्द्र मोदी ने दृढता के साथ कहा कि देशवासियों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल ढांचा एक प्राथमिकता है। उन्होंने डिजिटल इंडिया के लिए उनकी सरकार के संकल्प की घोषणा की जो लोगों को सूचनाएं और सेवाएं समयबद्ध और प्रभावी ढंग से मुहैया करायेगा।
स्वच्छता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार के संकल्प “स्वच्छ भारत” की घोषणा की जिसे इस साल 02 अक्टूबर को शुरु किया जायेगा और जो 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरा होगा। इससे मिलती-जुलती योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “स्वचछ भारत” बनाने की दिशा में पहला कदम एक साल के भीतर सभी स्कूलों में टॉयलेट खासकर लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट बनाकर उठाया जायेगा।
प्रधानमंत्री ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की घोषणा भी की जिसके तहत संसद सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 2016 तक कम से कम एक आदर्श गांव बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का पूरा खाका 11 अक्टूबर को श्री जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर जारी किया जायेगा।
नरेन्द्र मोदी ने योजना आयोग की जगह एक नयी संस्था बनाने का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि यह नयी संस्था देश की संघीय संरचना का सम्मान करेगी।
संसद सत्र में कामकाज के लिए विपक्ष सहित सभी संसद सदस्यों को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आम सहमति से आगे बढ़ना चाहती है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा उठाए गए कदमों से केंद्र सरकार की कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव आने संबंधी खबरों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस तरह की खबरें पढ़कर आश्चर्य हुआ क्योंकि उचित ढंग से कार्य करना प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के लिए मानदंड होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तथ्य कि ऐसी बातें खबरें बन रही हैं, इसी से पता चलता है कि हमारे कर्तव्य और जिम्मेदारी के मानदंडों में किस हद तक गिरावट आ चुकी है। प्रधानमंत्री ने समाज से “मेरा क्या, मुझे क्या” जैसी स्वार्थी सोच को त्यागने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद जब उन्होंने सरकार के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल के अभाव विषंगति देखी तो उन्हें बेहद निराशा हुई। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे का हल निकालेंगे ताकि सरकार एक एकत्रित संगठन की बजाय एक जैविक इकाई के रूप में कार्य करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन ही सिर्फ दो रास्ते हैं जो देश को आगे ले सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत की जनता को शुभकामनाएं देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह उन्हें प्रधानमंत्री के बतौर नहीं बल्कि प्रधान सेवक के रूप में सबोधित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी को सशक्त बनाने तथा युवाओं की क्षमताओं का उपयोग करने के उद्देश्य से कई योजनाओं की घोषणा भी की।
बैंकिंग सेवा और वित्तीय समायोजन को सर्वसुलभ बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की घोषणा की जिसके तहत प्रत्येक गरीब परिवार का एक बैंक खाता खुलेगा, उसे एक डेबिट कार्ड मिलेगा और उसका एक लाख रुपये का बीमा होगा।
देशव्यापी ‘स्किल इंडिया’ अभियान चलेगा जो कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार सुनिश्चित करेगा।
प्रधानमंत्री ने “कम एंड मेक इन इंडिया” विजन की घोषणा करते हुए दुनियाभर की विनिर्माता कंपनियों को भारत में निवेश करने और भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में मदद के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने भारतीय युवकों को उनकी उद्यमिता क्षमता का परिचय देते हुए उन तमाम वस्तुओं का भारत में विनिर्माण करने का आह्वान किया जो हमारे आयात बिल को बढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि “मेड इन इंडिया” को उत्कृष्टता का प्रतीक बना दीजिए।
श्री नरेन्द्र मोदी ने दृढता के साथ कहा कि देशवासियों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल ढांचा एक प्राथमिकता है। उन्होंने डिजिटल इंडिया के लिए उनकी सरकार के संकल्प की घोषणा की जो लोगों को सूचनाएं और सेवाएं समयबद्ध और प्रभावी ढंग से मुहैया करायेगा।
स्वच्छता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार के संकल्प “स्वच्छ भारत” की घोषणा की जिसे इस साल 02 अक्टूबर को शुरु किया जायेगा और जो 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरा होगा। इससे मिलती-जुलती योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “स्वचछ भारत” बनाने की दिशा में पहला कदम एक साल के भीतर सभी स्कूलों में टॉयलेट खासकर लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट बनाकर उठाया जायेगा।
प्रधानमंत्री ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की घोषणा भी की जिसके तहत संसद सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 2016 तक कम से कम एक आदर्श गांव बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का पूरा खाका 11 अक्टूबर को श्री जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर जारी किया जायेगा।
नरेन्द्र मोदी ने योजना आयोग की जगह एक नयी संस्था बनाने का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि यह नयी संस्था देश की संघीय संरचना का सम्मान करेगी।
संसद सत्र में कामकाज के लिए विपक्ष सहित सभी संसद सदस्यों को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आम सहमति से आगे बढ़ना चाहती है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा उठाए गए कदमों से केंद्र सरकार की कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव आने संबंधी खबरों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस तरह की खबरें पढ़कर आश्चर्य हुआ क्योंकि उचित ढंग से कार्य करना प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के लिए मानदंड होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तथ्य कि ऐसी बातें खबरें बन रही हैं, इसी से पता चलता है कि हमारे कर्तव्य और जिम्मेदारी के मानदंडों में किस हद तक गिरावट आ चुकी है। प्रधानमंत्री ने समाज से “मेरा क्या, मुझे क्या” जैसी स्वार्थी सोच को त्यागने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद जब उन्होंने सरकार के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल के अभाव विषंगति देखी तो उन्हें बेहद निराशा हुई। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे का हल निकालेंगे ताकि सरकार एक एकत्रित संगठन की बजाय एक जैविक इकाई के रूप में कार्य करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन ही सिर्फ दो रास्ते हैं जो देश को आगे ले सकते हैं।
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