History, asked by rammurti4589, 18 days ago

Nari Itihas ki ki Sangeet Katha ke sambandh mein sankshipt vivaran dijiye

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Answered by mayanksaha9125
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यह भारत के समाज के भीतर महिलाओं के अधिकारों की संकल्पना है। दुनिया भर में अपने नारीवादी समकक्षों की तरह, भारत में नारीवादी: लैंगिक समानता, समान मजदूरी के लिए काम करने का अधिकार, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए समान पहुंच का अधिकार और समान राजनीतिक अधिकार चाहते हैं।

दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है. जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे. वेदों में प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ का उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि वैदिक साहित्य में जिन यतियों और व्रात्यों का उल्लेख मिलता है वे ब्राह्मण परंपरा के न होकर श्रमण परंपरा के ही थे. मनुस्मृति में लिच्छवि, नाथ, मल्ल आदि क्षत्रियों को व्रात्यों में गिना है. आर्यों के काल में ऋषभदेव और अरिष्टनेमि को लेकर जैन धर्म की परंपरा का वर्णन भी मिलता है.

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