, Nari ka Badalta Swaroop nibandh
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रिश्ते (Relation) – यदि रिश्तों को सम्भालने की बात की जाए तो पुरानी पीढ़ी की महिलाऐं आज की महिलाओं की तुलना में ज्यादा अनुभवी थी. वो रिश्तों के लिए स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर देती थी और हमेशा रिश्तों को समेटने की कोशिश करती थी.
3. समाज (Society) – आधुनिक युग में स्त्रियों को समाज को नजदीक से देखने के अवसर प्राप्त होते हैं, उन्हें बाहर निकलने की आजादी भी मिली हुई हैं, आज इस आजादी की वजह से ही महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं. भले ही आज का समाज भी पुरुष प्रधान समाज हैं. लेकिन थोडा ही सही लेकिन समाज परिवर्तित हुआ हैं. जिसकी वजह से ही आज के समय में महिलाऐं हर क्षेत्र में कार्य करने में क्षसम हैं. पहले महिलाओं को केवल चार दिवारी के अंदर बंद रख जाता था. जिससे उनके अंदर की प्रतिभा, गुण किसी के सामने नहीं आ पाते थे और उनकी इच्छाएं, दुनिया व समाज को करीब से देखने और अनुभवी जीवन जीने की आकंशाएँ दबी रह जाती थी.
4.प्रेम (Love) – आधुनिक समय में यदि कोई स्त्री प्रेम सम्बन्ध में हैं तो उसे समाज के सामने खड़े होकर काबुल करने तथा समाज के सामने खड़े होकर इसके खिलाफ आवज उठाने वाले व्यक्तियों का सामना करने से नहीं डरती. इसके विपरीत यदि प्राचीन समय की बात की जाए तो उस समय की स्त्रियाँ केवल अपने माता – पिता के द्वारा चुने हुए व्यक्ति से ही प्रेम सम्बन्ध बनाती थी और उन्हें अपना जीवन समर्पित कर देती थी. इसके साथ ही उस व्यक्ति के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाती थी. लेकिन आज के समय में अपने मन चाहे वर से जहाँ प्रेम करने का साहस लिए हुए महिलाऐं खड़ी होती हैं वहीँ शोषण व अत्याचार करने वाले लोगों के खिलाफ वो अपनी आवाज भी बुलंद करती हुई नजर आती हैं.
5. शिक्षा (Education) – वैदिक काल से लेकर आज से करीब 50 या 100 साल वर्ष पूर्व सामान्य परिवार से लेकर राजघराने तक की लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने का आधिकार प्राप्त नहीं था. लेकिन आज अच्छे घरों की लड़कियां तो उच्च शिक्षा प्राप्त करती ही हैं. इसके साथ ही एक सामान्य परिवार की लड़कियों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार प्राप्त हैं. बेशक आर्थिक रूप से सशक्त न होने के कारण समान्य परिवार की लडकियां उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाती, लेकिन प्राथमिक शिक्षा का अधिकार सभी लड़कियों को प्राप्त हैं.
Her Nari ek maa,beti,behen,patni,bahu sabhi rishte nibhati hai.Wo apna her farz her rishta poori immandari se nibhati hai.
Sadiyon se zamane ke atyachar sehte hue bhi mahilaon ne apni mazbooti is parichay diya.Jab bhi mahilaon ko kamzor samajh gya mahilaon me Nari shakti is parichay diya hai.
Nari maa Durga ka prateek hai.Her Nari ko padhne likhne aur samman. ka haq hai.Humsabko apni betiyon ko
padhne likhne aur jeevan main kuch banne ke liye prarit karna chahiye.Unhe aatmraksha jaise judo karate zaroor sikhana chahiye.Swablamban hi her mahila ka gehna hai