Hindi, asked by aish0792, 3 months ago

nari ke Bina yah sansar shunya hai is kathan par Apne vichar bataiye
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Answered by Sura1608
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हमारी भारतीय संस्कृति ने सदैव ही नारी जाति को पूज्यनीय एवं वन्दनीय माना है, नारी का रूप चाहे मां के रूप में हो, बहन हो, बेटी हो अथवा पत्नी के रूप में हो। नारी सम्मान की बात आदिकाल से ही हमारे पौराणिक गाथाओं में विद्यमान रही है। हमें यह भी ज्ञात है कि नारी प्रेम, स्नेह, करूणा एवं मातृत्व की प्रतिमूर्ति है। जिस प्रकार कोई भी पक्षी एक पंख के सहारे उड़ नहीं सकता, उसी प्रकार नारी के बिना पुरुष की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

विश्व की आधी आबादी महिलाओं की है, लेकिन भारतीय समाज में महिला को वह स्थान आज तक प्राप्त नहीं हो सका है जिसकी वह हकदार है। भारतीय समाज सदैव से ही पुरुष प्रधान माना गया है, लेकिन इस कथन के बदलाव की बयार 21 वीं सदी से प्रारंभ हो चुकी है।

स्त्रियों को पुरुष के समान दर्जा दिये जाने का सिलसिला शुरु हो चुका है एवं भारतीय महिलाएं आज प्रत्येक क्षेत्र में पुरुष से कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे रही है चाहे शिक्षा, बैंकिंग, स्वास्थ्य, मनोरंजन, आई.टी. अथवा राजनैतिक क्षेत्र हो.

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Answered by jhav8995gmailcom
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ha nari kai bina yeh sansar adhura hau kuki kai nari hi agar nahi rahegi to kaoi janm nahi lega aur agar nari hi nahi rahegi to nahi hi hamari pass koi ma bachegi aur nahi hi beher isiliye nahri hai to sabhi hai kuki god ko bhi nari ki jarurat thi isiliye devo kai dev mahadev nai bhi do bar sadi kiya isi se pata chalta hai ki humarai jeewan mai nari ki kitnai jarurat hai is liye dont underestat the power of women aur hamari india mai to abb nari ko kitna respect denai laga hai example humari gungan saxena kargil girl unpai to film bhi bana hai aur sakuntla devi

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