nari par nibhand with ruprekha nari jagrah please only Hindi answer
Answers
Explanation:
जासं, हल्द्वानी: दीनी तालीम से दुनियावी तालीम के क्षेत्र में प्रवेश कर रही मुस्लिम समाज की लड़कियां अब तालीमी क्षेत्र में शिखर पर पहुंचना चाहती हैं। इसे अब पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाने लगा। भारतीय परिवेश की महत्वपूर्ण पहचान के प्रश्न भी परीक्षा में पूछे जाने लगे हैं।
अलीगढ़ उर्दू बोर्ड से संचालित अदीब-मुअल्लिम परीक्षा में अदीब माहिर के हिंदी प्रश्न पत्र में आधुनिक भारतीय समाज में नारी कि स्थिति के विषय में निबंध लिखने को कहा गया। मदरसा ईशातुल हक में चल रही परीक्षा के दौरान सेंटर इंचार्ज उवैस खान ने एक परीक्षार्थी की उत्तर-पुस्तिका देखी तो यह बात सामने आई। इसी तरह अदीब का भी हिंदी पेपर हुआ, जिसमें मधुशाला समेत भक्ति काल की दो प्रमुख विशेषताएं पूछी गईं। अदीब माहिर दोयम के उर्दू नज्म, अदीब कामिल प्रथम, अदीब कामिल अंतिम वर्ष के उर्दू विषय पर आधारित विभिन्न पाठ्यक्रम की परीक्षा आयोजित हुई। हिंदी का पेपर इतना आसान रहा कि परीक्षार्थी दो घंटे में ही पेपर हल करने में कामयाब रहे। दूसरे दिन भी 136 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे। इस मौके पर एडवोकेट निसार अहमद, मास्टर नसीम अहमद, हसनैन रजा, जामा मस्जिद के सेक्रेटरी हसीन अहमद खान वारसी मौजूद थे।
Answer:
महिला शिक्षा का महत्व – Importance of Nari Shiksha
वैसे तो सभी के लिए शिक्षा का सामान रुप से महत्व है, लेकिन महिलाओं की शिक्षा, कई मायनों में बेहद महत्व रखती हैं, इसलिए महिलाओं का शिक्षित होना बेहद जरूरी है।
शिक्षित महिला एक मां के रुप में न सिर्फ अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देती है, बल्कि एक शिक्षित महिला समाज के विकास में और राष्ट्र की उन्नति में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शिक्षा से महिलाओं के अंदर बढ़ता है आत्मविश्वास और आत्मसम्मान
महिलाओं को शिक्षित करने से न सिर्फ उनका आत्मसम्मान बढ़ता है, बल्कि उनमें आत्मनिर्भर बनने का भाव भी पैदा होता है, जिससे उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है।
शिक्षा के माध्यम से ही महिलाओं को अपने सामर्थ्य को समझने का मौका मिलता है और वे अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर खुद को बेहतर साबित कर सकती है।
इसके साथ ही वे पुरुष प्रधान देश में भी पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं।
शिक्षा से महिला सशक्तिकरण को मिलता है बढ़ावा – Women Empowerment
शिक्षा से ही आज महिलाओं को स्थिति मजबूत हुई है, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिला है।
एक शिक्षित महिला अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले खुद करने में सक्षम होती हैं, अर्थात एक शिक्षित महिला किसी भी तरह से पुरुषों पर निर्भर नहीं रहती हैं और अपने जिंदगी से जुड़े अहम फैसले खुद करती है।
शिक्षा से महिलाओं को आर्थिक रुप से मिलती है मजबूती
एक शिक्षित महलिाओं के लिए आज हर क्षेत्र में नौकरी की अपार संभावनाएं हैं, जहां वह नौकरी कर न सिर्फ पैसा कमा सकती हैं, बल्कि एक पुरुष की तरह अपने परिवार का खर्चा भी उठा सकती हैं।
महिलाओं के शिक्षित होने से घरेलू हिंसा के मामलों में भी कमी आयी है।