Nari Tu Narayani nibandh
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नारी तू नारायणी
"यत्र नार्यस्रू पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: "जहाँ नारी की पूजा होती है वहां देवता वास करते हैं Iजब पृथ्वी पर असुरों ने बर्बादी का तांडव शुरू किया देवता तक त्राहि त्राहि करने लगेI तब सभी देवों ने मिलकर शक्ति की स्तुति की वंदना की ,इस प्रभाव से एक सुंदरी नारी का रूप लेकर देवी प्रकट हुई देवगण हाथ जोड़कर उनकी विनती करते रहे और देवी ने पुछा मुझे क्यूँ बुलाया है Iउन्हें उत्तर मिला शुम्भ निशुम्भ ,मधुकैतभ और महिषासुर इत्यादि नाम के राक्षस सभी लोगों को बहुत सता रहे हैं कृपया रक्षा करें I
मैं तो नारी हूँ मेरे पास कोई अस्त्र -शस्त्र नहीं है मैं कैसे रक्षा कर सकती हूँ I बस क्या था सभी देवों ने अपनी अपनी शक्ति के स्वरुप किसी ने त्रिशूल इंद्रा ने बज्र, विष्णु ने चक्र ब्रह्मा ने कमंडल सूर्य ने अपना तेज इस तरह सभी देवों ने कुछ न कुछ उन्हें दिए I सभी शक्ति लेकर वही देवी दुर्गा उत्पन्न हुई Iइससे भी सिध्ह होता है नारी नारायणी है I सावित्री ने यमराज से अपने पति को वापस ले लिया ,सति शाण्डिली ने अपने सतीत्व के बल पर सूर्य को उगने से रोक दिया Iक्यूंकि सूली पर लटके एक ऋषि ने उन्हें शाप दिया था कि सूर्य उगते ही तुहारा पति मर जाएगा Iऐसे ही तो नारी नारायणी है I
आधुनिक समय में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ,दुर्गावती ,पद्मावती , इंदिरा गांधी ,कल्पना चावला,किरण बेदी ,सुनीता विलियम्स .सानिया मिर्ज़ा.सानिया महिवाल .मेरी कॉम ये सब नारी के रूप में तो नारायणी ही तो है I
"तीर लगा आँख में ,सम्मुख सैन्य अपार ,
दुर्गा सी दुर्गावती ,करती शत्रु संहार '
लक्ष्मी थी या दुर्गा थी या, स्वयं वीरता की अवतार
देख मराठे पुलकित होते पर, होने लगे वार पे वार II
इस प्रकार आज भी नारी अबला नहीं है शारीरिक रूप से कमजोर जरूर है लेकिन दिमाग नारायणी का ही स्वरुप है I