नस्तलिक
की पंसदीदा शैली थी
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नास्तिकता इसे अंधविश्वास कहती है क्योंकि किसी भी दो धर्मों और मतों के ईश्वर की मान्यता एक नहीं होती है। नास्तिकता रूढ़िवादी धारणाओं के आधार नहीं बल्कि वास्तविकता और प्रमाण के आधार पर ही ईश्वर को स्वीकार करने का दर्शन है। नास्तिकता के लिए ईश्वर की सत्ता को स्वीकार करने के लिए अभी तक के सभी तर्क और प्रमाण अपर्याप्त है।
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