नसरुद्दीन ने नानी बाई का धंधा किस से सीखा
Answers
मियाँ नसीरुद्दीन ने नानबाई का धंधा अपने पिता से सीखा था।
“मियाँ नसीरुद्दीन” पाठ में लेखिका को मियाँ नसीरुद्दीन बताते हैं कि नानबाई की रोटियां बनाने की कला उन्होंने अपने पिता से सीखी थी। यह कला उनका खानदानी पेशा था और उनके खानदान में सभी यही काम करते थे। उन्होंने अपने पिता से इस कला को सीख कर आगे बढ़ाया।
मियाँ नसीरुद्दीन की नानबाई बनाने की दुकान थी, जो 56 तरह की रोटी पकाने की कला में माहिर थे। रोटी बनाने की इस कला को नानबाई कहा जाता था। यह उनका पेशा था और वह इस पेशे को कला का दर्जा देते थे। उनकी दुकान जामा मस्जिद के पास एक मोहल्ले में थी। मियाँ नसीरुद्दीन एक बेहद दिलचस्प व्यक्ति थे, जिनके साथ लेखिका के वार्तालाप का जिक्र इस पाठ में किया गया है।
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मियां नसीरुद्दीन की क्या विशेषताएं थी वह सच्ची तालीम किसे मानते थे।
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Answer:
From whom did Nasruddin learn Nani Bai's business?
Explanation:
Mian Naseeruddin learned the art of becoming a Nanbai from his father.
The given question hsa been referenced from the text "Mian Nasiruddin", where the writer told that Mian Nasiruddin learned the art of making rotis or Nanbai from his father. This art was his family profession and everyone used to work in his family. He progressed by learning this art from his father.
Hindi version
मियाँ नसीरुद्दीन ने अपने पिता से नानबाई बनने की कला सीखी।
दिए गए प्रश्न hsa को "मियाँ नसीरुद्दीन" पाठ से संदर्भित किया गया था, जहाँ लेखक ने बताया कि मियाँ नसीरुद्दीन ने अपने पिता से रोटियाँ या नानबाई बनाने की कला सीखी। यह कला उनका पारिवारिक पेशा था और हर कोई उनके परिवार में काम करता था। उन्होंने यह कला अपने पिता से सीखकर आगे बढ़ाई।